Karnal News: नवरात्रों में कुट्टू के आटे का अधिक सेवन करने से बचें, पड़ सकते हैं बीमार
हरियाणा के करनाल में नवरात्रों में कुट्टू के आटे का सेवन करने से लोग बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में अपनी सेहत का खुद ही ध्यान रखें। इसकी तासीर गर्म होती है। इससे शरीर के अंदर अधिक गर्मी और शरीर में एलर्जी हो सकती है।
नरेंद्र पंडित, करनाल: बाजार में वैसे तो लगभग हर समय, लेकिन विशेषकर त्योहारी सीजन में मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में अपनी सेहत का खुद ही ध्यान रखें। नवरात्रों में कुट्टू के आटा अधिक मात्रा में सेवन करने वाले भी सावधान हो जाएं, क्योंकि बीमार होकर लेने के देने पड़ सकते हैं। इसका अधिक सेवन सेहत बिगाड़ सकता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इससे शरीर के अंदर अधिक गर्मी और शरीर में एलर्जी हो सकती है।
गेंहू के आटे की तरह कुट्टू के आटे का ना करें सेवन
कुट्टू के आटे को गेंहू के आटे की तरह पेट भर इस्तेमाल न करें। खाद्य सुरक्षा विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार व्रत रखने वाले श्रद्धालु पूरा दिन भूखे होते हैं और रात को भूख की वजह से कुट्टू के आटे से बने पकवान काफी मात्रा में खा लेते हैं। जिससे उन्हें पेट में गैस, पेट में दर्द, उल्टी लगने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। अधिक सेवन से घबराहट होने लगती है, चक्कर आदि आने लगते हैं। इससे शरीर में एलर्जी संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं।
इन खाद्य सामग्री के लिए 49 सैंपल
नवरात्र के चलते खाद्य सुरक्षा विभाग की दो टीमें अलर्ट मोड़ पर सैंपल ले रही है। कुट्टू का आटा समेत व्रत से संबंधित सामग्री के करीब 49 सैंपल लिए गए हैं। जिसमें कुट्टू का आटा, मखाने, चिप्स, नमकीन, चलाई के लड्डू, मरमंडा, रेवड़ी, प्रसाद, खोपा, तेल, सिंघाड़े का आटा, शामक राइस, शामक का आटा, छुआरे आदि शामिल है। कुट्टू के आटे को लेकर बाजार में अलग-अलग रंग का आटा मिलने की बात भी कही जा रही है।
पहले नवरात्र को हुए थे 50 लोग बीमार
वर्ष 2022 में नवरात्र के पहले व्रत के दौरान कुट्टू का आटा खाने से घरौंडा शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में 50 से ज्यादा महिला, पुरुष व बच्चे बीमार हो गए थे। उन्हें आनन-फानन में अस्पतालों में भर्ती करवाया। दो की हालत गंभीर देखते हुए कल्पना चावला मेडिकल कालेज रेफर किया गया।
श्रद्धालुओं ने दुर्गा मां की उपासना कर शाम को कुट्टू व शामक के आटे से बने पकवान खाए। जिसके बाद किसी को कंपकंपी तो किसी को उल्टी और दस्त हो गए थे। रात तक हालात ऐसे थे कि एक-एक बेड पर दो-दो मरीजों को लेटाया गया था। मरीजों का आरोप था कि जो आटा दुकानों पर बिक रहा है, वह पुराना था।
पिछले वर्ष भी बिका था नकली सामान, लिए गए थे सैंपल
पिछले वर्ष की बात करें तो खाद्य सामग्री के करीब 250 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 34 के लगभग सैंपल फेल आए थे। इनमें दूध, दही, खोया, मक्खन, आइसक्रीम, सरसों का तेल, देसी घी आदि सैंपल शामिल हैं। इतना ही नहीं, दिवाली के दिनों में लिए गए खाद्य सामग्री के आठ सैंपल फेल पाए गए थे। जिनमें सोमपापड़ी, शाहीपान खजूर, आंवला, मुरब्बा, पेठा व बेसन के लड्डू शामिल थे जो पैकिंग में थे। वहीं, कुछ मामले एडीसी की कोर्ट में भी चल रहे हैं।
नवरात्र के व्रत से संबंधित खाद्य सामग्री के 49 सैंपल लिए गए हैं। दो टीमें लगातार मैदान में हैं। कुट्टू के आटे की तासीर काफी गर्म होती है। इसके अधिक सेवन से शरीर में गैस और एलर्जी की बीमारियां हो सकती हैं। लोगों से अपील है कि कुट्टू के आटे से बने पकवान का सेवन करने से बचें। अगर करना हो तो कम मात्रा में ही इस्तेमाल करें। -डा. संदीप कादियान, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी।