करनाल की बेटी जज बनी भ्रष्टाचार से जंग लड़ने का सपना
करनाल की बेटी ज्योति नैन दिल्ली में सिविल जज बन गई हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : कुछ कर गुजरने का जुनून और जुनून के लिए सच्ची लगन व सफलता के नए कीíतमान स्थापित कर देती है। प्रथम प्रयास में ही करनाल की बेटी ज्योति नैन ने दिल्ली ज्यूडिशियल सर्विसेज एग्जाम में 64वां रैंक प्राप्त कर शहर का नाम रोशन किया है। अब ज्योति नैन दिल्ली में सिविल जज के तौर पर कार्यभार संभालेगी। स्कूल के समय से ही ज्योति पढ़ाई में तेज रही थी। मां सरला नैन गांव चिड़ाव में सरकारी स्कूल में हैड टीचर, जबकि पिता डा. मोहिद्र सिंह नैन कृषि विभाग में उप मंडलाधिकारी पद से सेवानिवृत्त हैं। ---बॉक्स----
मेडिकल एवं नॉन मेडिकल से 12वीं की पास
ज्योति (28 वर्ष) ने अपनी प्राथमिक शिक्षा एसबीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल और दयाल सिंह पब्लिक स्कूल में ली। 12वीं कक्षा में मेडिकल एवं नॉन मेडिकल की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके पश्चात दयाल सिंह कालेज से बीएससी (बायो टेक्नोलॉजी) एवं दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमएससी केमिस्ट्री एवं एलएलबी की। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर की क्विज प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान हासिल किया है। ---बॉक्स---
भ्रष्टाचार से लड़ना मकसद
जज बनी ज्योति ने बताया कि आज बेटियों को शिक्षित होना बेहद जरूरी है। सरकार इसके लिए कई योजनाएं लागू करती हैं। शिक्षा ग्रहण करना अब मुश्किल नहीं रहा, अगर मन में ²ढ़ विश्वास हो तो काई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। युवाओं के लिए भ्रष्टाचार सबसे बड़ी लड़ाई है। जज की कुर्सी मिलने पर मेरा सभी युवाओं से भ्रष्टाचार का विरोध करने का संदेश है। परिवार से मिली शिक्षा के अनुसार भ्रष्टाचार का हमेशा विरोध किया जाएगा। परिजनों के अच्छे विचारों से ही आज मुकाम हासिल किया है। सही में आज लग रहा है कि बेटियां भी बेटों से कम नहीं हैं। मन में विश्वास हो तो आप अपनी पसंद की मंजिल पा सकते हैं। ---बॉक्स----
हमेशा बेटों की तरह ही रखा
रेलवे स्टेशन के पास न्यू राजीव कालोनी निवासी ज्योति ने बताया कि माता-पिता मुझे हमेशा बेटे के नजरिए से देखा है। उन्होंने कभी शिक्षा के लिए पाबंदी नहीं लगाई, जिसके चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमएससी केमिस्ट्री एवं एलएलबी करने के लिए भेजा। तीन साल से अधिक से से दिल्ली में रही और यहीं से जज की परीक्षा की तैयारी भी की। यहां तक पहुंचने में माता-पिता सहित बड़े भाई भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शमशेर सिंह नैन, सीपीडब्ल्यूडी में कार्यरत संदीप कुमार नैन ने भी पूरा सहयोग किया। उन्होंने सुझाव दिया कि बेटों को ही नहीं अपितु बेटियों को भी बराबर का मौका दिया जाना चाहिए। ज्योति नैन ने कहा कि आज लोगों का न्यायालय में पूर्ण विश्वास है। न्यायपालिका ही एक ऐसा माध्यम है जहां से हर व्यक्ति को इंसाफ मिलता है। न्याय की इस कुर्सी से हजारों-लाखों लोगों को न्याय मिला है।