आधार से इस तरह खुली पोल, हुआ बड़े घोटाले का भंडाफोड़
हरियाणा में पेंशन को आधार से लिंक किया गया तो बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ। कई लोग एेसे हैं जो वर्षों से पेंशन ले रहे हैं, लेकिन उनका आधार कार्ड बाहरी राज्यों का है।
करनाल [मनोज राणा]। आधार कार्ड ने कई पेंशनधारकों की पोल खोल दी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग हरियाणा की जांच में सामने आया कि 28000 पेंशनधारकों के आधार हरियाणा के बजाय दूसरे राज्यों के हैं। इससे विभाग में हड़कंप मच गया। फौरन सभी की पेंशन रोक दी गई। हालांकि इनमें से कुछ एेसे लोग भी हैं, जिनके आधार कार्ड तो हरियाणा के है, लेकिन उन्हें सॉफ्टवेयर बाहरी बता रहा है। एेसे लोगों से 31 दिसंबर तक निवास प्रमाण पत्र लेकर उन्हें पेंशन जारी कर दी जाएगी।
31 दिसंबर के बाद क्या होगा
विभाग की सूची में शामिल पेंशनधारकों ने यदि रिहायशी प्रमाण पत्र नहीं दिया तो पूरी राशि चुकानी होगी। बाहरी लोगों से अब तक ली पेंशन की रिकवरी तो होगी ही साथ ही 12 प्रतिशत ब्याज भी अलग से देना होगा। ऐसा नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। 31 दिसंबर के बाद जिले की लिस्ट और रिकवरी के लिए रणनीति बनेगी। सालों से पेंशन ले रहे इस सूची में आए तो रिकवरी की राशि लाखों में होगी।
जन्म हरियाणा का, अब रह रहे यूपी
पेंशन बंद होने के बाद से ही जिले में अफरा-तफरी है। कुछ लोग यूपी व दिल्ली का आधार लेकर घूम रहे हैं। इनमें से अधिकतर ऐसे हैं जिनका जन्म तो हरियाणा में हुआ, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने यूपी व अन्य राज्यों में जमीन खरीद ली। अब आधार भी वहीं का है और रहते भी वहीं हैं। विभाग की ऐसे पेंशनधारकों पर विशेष नजर है। इनकी पूरी कुंडली खंगाली जाएगी।
पहले बनी पेंशन के लिए भी आधार जरूरी
नियम के अनुसार पेंशन आइडी से आधार लिंक होना जरूरी है, लेकिन चूंकि पुराने जमाने में आधार नहीं था तो तब पेंशन बनी थी। अब उन्हें भी आधार नंबर देने के निर्देश हैं। करनाल में ऐसे 16803 पेंशनधारक थे। इनमें से 12433 ने आधार लिंक करा दिया है। बाकी की पेंशन फिलहाल रोकी गई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सत्यवाल डिलोढ ने बताया कि विभागीय जांच में प्रदेश के 28000 पेंशनधारकों के आधार बाहर के मिले। करनाल के 800 पेंशनधारक इस लिस्ट में थे। नीलोखेड़ी के असंध के आधार होने के बावजूद साफ्टवेयर इन्हें बाहरी दिखा रहा है, इसलिए रिहायशी प्रमाणपत्र लिया जा रहा है। 500 ने इसे जमा करा दिया है। 31 दिसंबर तक तो नहीं देगा उन्हें बाहरी माना जाएगा। उनसे 12 प्रतिशत ब्याज के साथ रिकवरी भी करेंगे।
खेमका ने बंद की थी सामाजिक पेंशन
वरिठ आइएएस अफसर अशोक खेमका ने करीब साढ़े तीन लाख लाेगों की सामाजिक पेंशन बंद कर दी थी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से उनके तबादले के बाद सरकार ने उनके फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। 2.20 लाख से अधिक लोगों की पेंशन उनके बैंक खातों में भिजवा दी है।
खेमका के तबादले का कारण भी यही था
समझा जाता है कि खेमका का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता से इसी कारण पिछले दिनों तबादला किया गया था। विभाग के प्रधान सचिव पद पर रहते हुए खेमका द्वारा करीब साढ़े तीन लाख लोगों को पेंशन से यह कहते हुए वंचित कर दिया था कि उनके पास आधार कार्ड और जरूरी दस्तावेज नहीं हैैं।
24.44 लाख लोग ले रहे पेंशन
राज्य में करीब 24.44 लाख लोग पेंशन हासिल कर रहे हैं। एक जनवरी 2018 से पेंशन में 200 रुपये मासिक बढ़ोतरी हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने हाल ही पेंशन बढ़ोतरी का एलान किया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण बेदी का कहना है कि सरकार किसी भी वाजिब व्यक्ति की पेंशन बंद नहीं करेगी।
मंत्री ने कहा कि जिन लोगों द्वारा अभी तक अपनी आधार संख्या ठीक दर्ज नहीं करवाई है, वह संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में मूल आधार कार्ड की जांच करवाकर, आधार कार्ड की फोटो प्रति पर अपनी पेंशन आइडी दर्ज करते हुए, अपने हस्ताक्षर व अंगूठे का निशान लगाकर 31 दिसंबर तक जमा करा सकते हैैं।
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