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भक्ति से असाध्य को भी साधना संभव: मुनि पीयूष

महाप्रभावी श्री घंटाकर्ण महावीर देवस्थान पर विशेष कृपा दिवस कृष्ण चौदस के उपलक्ष्य में मासिक श्रद्धालु संगम में भक्ति तथा आस्था का अनूठा ²श्य दिखलाई दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 08:17 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 08:17 AM (IST)
भक्ति से असाध्य को भी साधना संभव: मुनि पीयूष
भक्ति से असाध्य को भी साधना संभव: मुनि पीयूष

जागरण संवाददाता, करनाल

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महाप्रभावी श्री घंटाकर्ण महावीर देवस्थान पर विशेष कृपा दिवस कृष्ण चौदस के उपलक्ष्य में मासिक श्रद्धालु संगम हुआ। इसमें भक्ति और आस्था का अनूठा दृश्य दिखाई दिया। शिवरात्रि के कारण ज्योतिषीय दृष्टि से इस चौदस का महत्व बहुत अधिक रहा, इसीलिए भक्तों का भक्तिमय उत्साह देखते ही बना। सूर्योदय से भक्तों का तांता लगना शुरू हुआ और देरशाम तक जमावड़ा लगा रहा। मुनि संयमेश, साध्वी जागृति, अजय गोयल, जयपाल सिंह, मनीषा जैन और सुमन जैन ने भजनों से वातावरण धर्ममय बनाया। भक्ति रस में डूबे भक्तों ने भक्ति के आलौकिक आनंद का रस लिया।

जैन महिला मंडल आदर्श नगर, दिल्ली, फरीदाबाद और अंबाला शहर के श्रद्धालुओं ने भजनों से खूब रौनक लगाई। ये कैसी कसक तूने मेरे दिल में लगा दी है, मेहरां वालियां दादा रक्खी चरणां दे कोल, है यह पावन भूमि यहां बार-बार आना, प्रभुवर तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए, इतना सुंदर तेरा द्वारा यहीं बीते जीवन सारा, तेरे दर्श की लगन से हमें इस दर पर दोबारा आना पड़ेगा, कौन कहता है भगवान आते नहीं सच्चे दिल से हम बुलाते नहीं, मोक्ष का द्वार खुला है चलना है बाकी थोड़ा उद्धार हुआ है थोड़ा है बाकी, दादा जी मैनूं चरणां दा रख लो सेवादार, रोज मैं तेरा दर्शन पावां मिल जाए तेरा प्यार आदि भजनों ने सबको भावविभोर किया। उपप्रवर्तक पीयूष मुनि ने कहा कि भक्ति में अलौकिक शक्ति है। इससे आत्मा को परमात्मा तक पहुंचाया जा सकता है। भक्ति में भक्त सब आराध्य के चरणों में समर्पित कर देता है। भक्ति से असाध्य भी साध्य किया जा सकता है। श्री घंटाकर्ण जी को भगवान विष्णु का भैरव, शिवजी का गण तथा जैन परम्परानुसार भगवान महावीर का शासनरक्षक देव माना गया है। भक्ति से भक्त की झोली नौ निधियों और 12 सिद्धियों से परिपूर्ण हो जाती है।


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