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जोनल यूथ फेस्टिवल में सांस्कृतिक विधाओं से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार

डीएवीपीजी कॉलेज में 42वें जोनल यूथ फेस्टिवल के दूसरे दिन का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्यातिथि हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डा. पूर्णमल गौड़ व विशिष्ट अतिथि हरियाणा योग परिषद के चेयरमैन डा. जयदीप आर्य ने किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Oct 2019 09:48 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 06:15 AM (IST)
जोनल यूथ फेस्टिवल में सांस्कृतिक विधाओं से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार

जागरण संवाददाता, करनाल : डीएवीपीजी कॉलेज में 42वें जोनल यूथ फेस्टिवल के दूसरे दिन का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्यातिथि हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डा. पूर्णमल गौड़ व विशिष्ट अतिथि हरियाणा योग परिषद के चेयरमैन डा. जयदीप आर्य ने किया। शुरुआत में एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के विद्यार्थियों ने अपने मंचन में मोबाइल से दूरी बनाकर रिश्तों को मजबूत करने का संदेश दिया। विद्यार्थियों ने दर्शाया कि किस तरह एक ही घर में सभी सदस्य मोबाइल में जुटे हुए हैं और बुजुर्गों की देखभाल में बच्चे गंभीर नहीं हैं। मंचन के बाद पंडाल तालियों से गूंज उठा और एक के बाद एक दमदार प्रस्तुति ने छात्र दर्शकों को कुर्सियों से हिलने नहीं दिया। कन्या भ्रूण हत्या, नारी सशक्तिकरण सहित अन्य सामाजिक कुरीतियों पर चोट की गई और युवाओं को भारतीय संस्कृति अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। आज समापन समारोह में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विधाओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रही टीमों के परिणामों की घोषणा करते हुए उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

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दिशा व दशा बदल सकते हैं युवा

मुख्यातिथि डा. पूर्णमल गौड़ ने बताया कि युवाओं को शक्ति और ऊर्जा का प्रयोग देश की दिशा और दशा बदलने में करनी चाहिए। परंपराओं और संस्कृति को जीवित रखने के लिए इस प्रकार की विधाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। योग परिषद के चेयरमैन और कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डा. जयदीप आर्य ने कहा कि युवाओं को वायू जैसी गति, सूर्य से तपन और धरती से धैर्य जैसी सीख लेनी चाहिए। दूसरी तरफ ग्रुप सांग हरियाणवी में बीरा हम मां के जाए रे, आया तीज का त्योहार, मेरा बालम छुट्टी आवेगा जैसे पारंपरिक गीतों पर अपनी रंगारंग प्रस्तुति के साथ विद्यार्थियों ने छात्र दर्शकों को मोहित कर दिया।

तीन मंचों पर प्रस्तुतियों ने मन मोहा

तीन अलग-अलग मंचों से हरियाणवी परंपराओं को जीवित रखने के लिए इंडियन ऑर्केस्ट्रा, रसिया ग्रुप डांस, फोक इंस्ट्रुमेंटल हरियाणवी, ग्रुप डांस जंगल, एकल अभिनय, क्लासिकल वोकल सोलो, क्लासिकल इंस्ट्रुमेंटल सोलो, की विधाएं विभिन्न कॉलेजों द्वारा प्रस्तुत की गई। कलाकारों ने फिल्मी सितारों, कलाकारों और खलनायकों की मिमिक्री से विद्यार्थियों ने खूब तालियां बटोरी। सायंकालीन सत्र में मुख्यातिथि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रोशन लाल सैनी ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योगपति एवं एसडी एजुकेशन सोसाइटी पानीपत के महासचिव सतीश चंद्रा और एसडी एजुकेशन सोसाइटी के प्रधान एसएन गुप्ता ने की। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के ज्युरी मेंबर्स डा. कामदेव झा, चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी सिरसा एवं गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के पूर्व उपकुलपति डॉ. राधेश्याम शर्मा, करनाल के पूर्व सीएमओ डा. नरेश सैनी, चिकित्सक डा. आरके सैनी, आर्य पीजी कॉलेज पानीपत के प्राचार्य डा. जगदीश गुप्ता, एसडी पीजी कॉलेज पानीपत के प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा, दयाल सिंह कॉलेज के प्राचार्य डा. चंद्रशेखर, गुरुनानक खालसा कॉलेज करनाल की प्राचार्य डा. सीमा शर्मा, प्रोफेसर हरपाल, डा. केएस डिल्लो, डा. बलबीर सिंह, डा. कुशल पाल, अतिथियों को प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी ने स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।


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