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स्मार्ट सिटी पर दंश अवैध कॉलोनियां, लगाएंगी ग्रहण

अश्विनी शर्मा करनाल बरसों से करनाल को स्मार्ट शहर बनाने का सपना देखा जा रहा है। इस दिश्

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:11 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:11 AM (IST)
स्मार्ट सिटी पर दंश अवैध कॉलोनियां, लगाएंगी ग्रहण

अश्विनी शर्मा, करनाल: बरसों से करनाल को स्मार्ट शहर बनाने का सपना देखा जा रहा है। इस दिशा में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कई अहम परियोजनाएं भी शुरू हो चुकी हैं। लेकिन शहर के अंदर और आसपास के क्षेत्र में कुकरमुत्ते की तरह फैल रही अवैध कालोनियां स्मार्ट सिटी की सुविधाओं पर ग्रहण की तरह रहेंगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर जो एरिया कवर किया जा रहा है, उसके बिलकुल नजदीक ये कालोनियां अपने पांव पसर चुकी हैं। इससे स्मार्ट शहर का एक बड़ा क्षेत्र ऐसा हो जाएगा, जहां नियम अनुसार विकास भी रफ्तार नहीं पकड़ पाएगा। एक क्षेत्र स्मार्ट और दूसरा वर्षो से पिछड़ा

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स्मार्ट सिटी के तहत शहर में तेजी से विकास कार्य आगे बढ़ाए जा रहे हैं। इसके तहत पर्यटन, सड़क, सीवरेज, ट्रैफिक प्लान, पार्किंग सहित कई अहम परियोजनाओं पर काम चल रहा है। लेकिन यह भी बात ध्यान देने वाली है कि इस परियोजनाओं के तहत कार्य शहर का वैध क्षेत्र ही आता है। उसकी सीमा भी तय है। उदाहरण के तौर पर सेक्टर 32 में स्मार्ट सिटी के तहत कार्य होंगे, लेकिन इससे करीब 500 मीटर दूर बुड्ढाखेड़ा गांव के पीछे अवैध कालोनी बन रही है। इसी तरह से सेक्टर 34 के पास अवैध कालोनी बन रही है। इस तरह की करीब 22 कालोनियों की लिस्ट निगम की ओर से भी जारी की गई, लेकिन कुछ कालोनियों के नाम इस सूची में भी शामिल नहीं हैं। सरकार भी चाहती है कि पूरे शहर का समान विकास हो। हर क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं हों। शहर को स्मार्ट बनाया जाए, लेकिन यह अवैध कालोनियों इस मंशा पर पानी फेरती हैं। गुपचुप तरीके से रजिस्ट्री: सुरजीत मंढाण

जमीन मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरजीत मंढाण का कहना है कि अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियां गुपचुप तरीके से होती हैं। तभी तो वहां निर्माण कार्य लगातार गति पकड़ रहे हैं। यह अवैध कालोनियां स्मार्ट सिटी के लिए भी एक चुनौती की तरह है। क्योंकि सरकार एक अच्छी सोच से काम करते हुए शहर को स्मार्ट बनाना चाहती है, लेकिन भूमाफियों से मिलीभगत करने वाले अधिकारी अवैध कालोनियों पर ठोस कार्रवाई नहीं स्मार्ट सिटी को धक्का पहुंचा रहे हैं। यह भी एक जांच का विषय है कि आखिर कुछ कालोनियों में सीवरेज निर्माण किसकी इजाजत से भूमाफिया करा रहे हैं। इस मामले पर प्रशासन को गंभीरता से काम करना चाहिए। स्मार्ट सिटी का अवैध कालोनियों से नहीं है संबंध: जीएम

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जीएम रमेश मंढाण का कहना है कि स्मार्ट सिटी के तहत शहर में परियोजनाएं सिरे चढ़ाई जा रही हैं। स्मार्ट सिटी का अवैध कालोनियों से कोई संबंध नहीं है और ना ही वह इस बाबत कोई कार्रवाई कर सकते। यह मामला नगर निगम के अधीन आता है।


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