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31 तक अंशदाताओं के यूएएन को केवाईसी से ¨लक नहीं कराया, तो ईपीएफओ नियोक्ता पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, करनाल अंशदाताओं के यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) को केवाईसी यानी आ

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 01:15 AM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 01:15 AM (IST)
31 तक अंशदाताओं के यूएएन को केवाईसी से ¨लक नहीं कराया, तो ईपीएफओ नियोक्ता पर होगी कार्रवाई
31 तक अंशदाताओं के यूएएन को केवाईसी से ¨लक नहीं कराया, तो ईपीएफओ नियोक्ता पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, करनाल

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अंशदाताओं के यूएएन (यूनिवर्सल अकाउंट नंबर) को केवाईसी यानी आधार और बैंक खाते से यदि 31 दिसंबर तक ¨लक नहीं कराया तो ईपीएफओ ऐसे नियोक्ताओं पर नियम 2014 के तहत कार्रवाई करेगा। इसमें एक साल के कारावास या 4000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त अमित ¨सगला के अनुसार विभाग की ओर से यह फैसला कर्मचारियों के हित में लिया गया है। इसके ¨लक होने के बाद लोग अपना पीएफ का पैसा निकलवाने या पेंशन संबंधित क्लेम आसानी से सेटल करा सकेंगे।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के करनाल स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के करनाल के अलावा सोनीपत, पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर जिले के कुल 261000 अंशदाता रजिस्टर्ड हैं। पांच हजार कंपनियों के इन कर्मचारियों में से अभी तक 34 प्रतिशत के आधार, 27 फीसद के बैंक और 45 फीसद अंशदाताओं के मोबाइल नंबर उनके यूएएन से ¨लक नहीं है। ¨लक करने का इसलिए लिया फैसला

यूनिवर्सल खाते में त्रुटियां होने के कारण किसी भी अंशदाता या पेंशनधारक का क्लेम सेटल नहीं हो पाता, क्योंकि यदि खाता आधार से ¨लक नहीं होता तो क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। यदि बैंक खाता यूएएन से ¨लक न हो तो अंशदाता की ओर से पीएफ का पैसा निकलवाते वक्त धोखाधड़ी होने का खतरा रहता है। ऐसे में लोगों को जरूरत के समय पीएफ का पैसा नहीं मिल पाता। क्षेत्रीय कार्यालय में आठ जिलों से रोजाना 40 से 50 केस आते हैं। दोनों के ¨लक होने के बाद कर्मचारियों को होंगे ये फायदे

1. जिस अंशदाता का मोबाइल नंबर उसके यूएएन से ¨लक होगा। उसे किसी भी तरह के क्लेम सेटल के विभाग के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उमंग मोबाइल एप से वह खुद को अपडेट रख सकता है और स्वयं भी अपना क्लेम आनलाइन सैटल कर सकता है। उमंग विभाग द्वारा तैयार की गई एप है। इसमें व्यक्ति अपने पीएफ खाते में पैसा और पासबुक आसानी से देख सकता है।

2. नौकरी छोड़ने पर कर्मचारी खुद ही दावों को ऑनलाइन घर बैठे, बिना नियोजक के सहायता से भर सकते हैं एवं उनका निपटान भी त्वरित गति से भविष्य निधि कार्यालय में किया जा सकता है।

3. घर बैठे कर्मचारियों के नाम, पति या पिता का नाम, जन्मतिथि आदि के संशोधन की सुविधा।

4. अलग-अलग खातों के आनलाइन अंतरण की सुविधा। नौकरी बदलने की स्थिति में एक ही यूएएन में पीएफ की राशि जमा हो सकेंगी, इसमें पीएफ खातों के ट्रांसफर की आवश्यकता नहीं रहेगी। फोटो---60 नंबर है।

कर्मचारियों के हित के लिए नियमों की पालना करना प्रत्येक कंपनी की जिम्मेदारी है। जो फर्म अपने कर्मचारियों का यूएएन केवाईसी से ¨लक नहीं कराएगा। उन पर नियम 2014 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें एक साल के कारावास या 4000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। 31 दिसंबर तक का नियोक्ताओं को समय दिया गया है। इसके बाद सर्वे कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। -अमित ¨सगला, क्षेत्रीय आयुक्त, ईपीएफओ।


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