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पढ़ाई में अड़ंगा बना स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र

स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न होने के कारण छात्रों को बैरंग लौटाया

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 07:20 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 07:20 AM (IST)
पढ़ाई में अड़ंगा बना स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र
पढ़ाई में अड़ंगा बना स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र

स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न होने के कारण छात्रों को बैरंग लौटाया

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फोटो 16 जागरण संवाददाता, करनाल : बच्चों की पढ़ाई पर शिक्षा विभाग के निर्देश भारी पड़ रहे हैं। सोमवार को सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों में दसवीं व 12वीं के विद्यार्थी पहुंचे। सर्दी के कारण बेशक बच्चों की संख्या कम थी, लेकिन स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न होने के कारण कइयों को बैरंग लौटना पड़ा। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के पास बच्चों की जांच को लेकर स्थाई योजना न होने के कारण पूरा दिन विद्यार्थी जांच के लिए भटकते दिखाई दिए। अभिभावकों का कहना है वे अपने व बच्चों की जांच करवाएं या मंदी में चल रहे कारोबार की तरफ ध्यान दें। कुछ स्कूलों में बच्चों को घर लौटा दिया गया जबकि निजी स्कूलों के शिक्षक विद्यार्थियों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग पहुंचे। विभाग के निर्देश पर बच्चों ने जताया रोष:

सुबह दस बजे तक सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों का दौरा किया गया तो बच्चों ने शिक्षा विभाग की नीतियों पर रोष व्यक्त किया। निजी स्कूल के बाहर मिले छात्र नवीन बत्रा ने बताया कि स्वजनों से जिद करके स्कूल आया था, लेकिन यहां अब स्वास्थ्य प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। शिक्षकों को स्कूलों में प्रवेश दिया गया जबकि बच्चों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। स्कूल बस से स्कूल पहुंच जाने के बाद परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। इधर सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों के पास स्वास्थ्य कार्ड न होने पर उन्हें घर लौटा दिया। नतीजन स्कूलों में स्टाफ कर्मचारियों की संख्या लगभग पूरी थी, लेकिन बच्चों को लौटा दिया गया।

स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों के साथ पहुंचे अभिभावक:

जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचे अभिभावक जगदीप चंद ने बताया कि उसकी बेटी सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा है। वह उसका स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र बनाने के लिए दफ्तर से छुट्टी लेकर पहुंचा है। अब अगर रोजाना बेटी स्कूल जाती है तो हर रोज कैसे अस्पताल आ सकते हैं। शिक्षा विभाग को बच्चों की जांच स्कूल में ही करनी चाहिए, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर नहीं हैं। करनाल में एक स्कूल ऐसा मिला जिसमें कुछ बच्चे पढ़ाई के लिए आए हुए थे। लेकिन उनके पास भी मेडिकल रिर्पोट नहीं थी। उनके पास अभिभावकों का अनुमति पत्र ही मिला। लेकिन वह बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल स्टॉफ से काफी समय तक बात करते नजर आए। स्कूलों में तीन घंटे की कक्षा ने लगवाई दौड़:

सोमवार से 10वीं व 12वीं कक्षा के लिए विद्यार्थियों के सुबह 10 से 1 बजे तक स्कूल खोले गए हैं। जिसमें तीन घंटे विद्यार्थियों की पढ़ाई होगी। वहीं 21 दिसम्बर से 9वीं व 11वीं के विद्यार्थियों को स्कूल में तीन घंटे पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा। विभाग द्वारा जारी आदेशों में निर्देश दिए गए है कि कोई भी विद्यार्थी बिना हेल्थ रिर्पोट के स्कूल में पढ़ाई नहीं कर सकता। स्वास्थ्य जांच के लिए अभिभावक व बच्चे पूरा दिन नागरिक अस्पतालों में भटकते रहे। जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य प्रमाण के साथ ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा। अभिभावकों के तर्क को ध्यान में रखते हुए उच्चाधिकारियों के संज्ञान में मामला लाया जाएगा। बिना प्रमाण पत्र स्कूल में बच्चों को प्रवेश देने वाले मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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