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हॉट सीट करनाल पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, 'मनोहर के रण' में शरद पवार ने खेला दांव; मराठा को इनलो ने भी दिया समर्थन

Karnal Lok Sabha Election 2024 हरियाणा की करनाल लोकसभा सीट का मुकाबला रोचक हो गया है। इस सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी दांव खेला है। शरद पंवार ने इस सीट से प्रत्याशी मराठा वीरेंद्र वर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। खास बात है कि इस सीट पर इंडियन नेशनल लोकदल भी एनसीपी का समर्थन करेगी। आज वीरेंद्र वर्मा नामांकन भी करेंगे।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Tue, 30 Apr 2024 03:39 PM (IST)
हॉट सीट करनाल पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, 'मनोहर के रण' में शरद पवार ने खेला दांव; मराठा को इनलो ने भी दिया समर्थन
Haryana Lok Sabha Election 2024: हॉट सीट करनाल पर दिलचस्प हुआ मुकाबला

पवन शर्मा, करनाल। Haryana Lok Sabha Election 2024: बात निकलेगी तो दूर तक जाएगी...? करनाल लोकसभा के चुनावी रण में मजबूती के साथ ताल ठोकने उतरे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रत्याशी मराठा वीरेंद्र वर्मा (Maratha Virendra Verma) के तेवर नरम नहीं पड़े हैं।

एक के बाद एक कई चुनाव लड़ने का लंबा अनुभव रखने वाले वर्मा का दावा है कि इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के नेता अभय चौटाला (Abhay Chautala) के साथ उनका गठबंधन रूपी अभिनव प्रयोग न केवल भाजपा बल्कि, कांग्रेस प्रत्याशी और उनके रणनीतिकारों की भी नींद उड़ा देगा। इसे लेकर विधानसभा चुनाव तक की रूपरेखा बना ली गई है।

कांग्रेस ने करनाल सीट पर नहीं दी मराठा को टिकट

आइएनडीआइ गठबंधन के नेता कितना भी जोर लगा लें लेकिन हरियाणा की धरती पर वे रोड और जाट बिरादरियों के साथ सर्वसमाज की साझा पंचायतें करके इतिहास रचेंगे। करनाल में आइएनडीआइ गठबंधन की एकजुटता में दरार के आसार तभी नजर आने लगे थे, जब कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव में करनाल सीट पर मराठा को टिकट देने की पहल नहीं की गई।

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हालांकि मराठा लगातार अलग-अलग माध्यमों से दावा करते रहे कि गठबंधन से उन्हें टिकट मिलना तय है। यही नहीं वह टिकट घोषित होने से पहले ही अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न के साथ बाकायदा जनसंपर्क में जुट गए तो दिल्ली में एनसीपी के शीर्ष नेता शरद पवार ने उनकी पूरी मजबूती के साथ पैरवी भी की लेकिन अंततोगत्वा कांग्रेस की ओर से तमाम कयासों के विपरीत करनाल से युवा चेहरे दिव्यांशु बुद्धिराजा को चुनाव मैदान में उतार दिया गया।

इससे उनके समर्थकों में कुछ क्षण तो निराशा छाई, लेकिन अगले ही दिन महापंचायत में सर्वसमाज के समर्थन से मराठा को इनेलो के समर्थन से बने नए गठबंधन का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।

अब 30 अप्रैल को मराठा पूरे दल-बल के साथ नामांकन करेंगे तो इनेलो नेता अभय चौटाला भी उनका और समर्थकों का उत्साह बढ़ाने को मौजूद रहेंगे।

कुरुक्षेत्र तक दिखेगा प्रभाव

मराठाआइएनडीआइ गठबंधन के समानांतर इनेलो के समर्थन से अलग गठबंधन की आधारशिला रखने वाले मराठा ने दो टूक कहा कि कांग्रेस का घमंड तोड़कर रहेंगे।

कांग्रेस का करनाल से लेकर हरियाणा भर में उत्तर प्रदेश जैसा हाल होगा। जहां तक कुरुक्षेत्र का प्रश्न है तो वहां रोड़ और जाट बिरादरियों का भरपूर समर्थन इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला को दिलाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे। इसके लिए साझा पंचायतें की जाएंगी। 

भाजपा के लिए भी खतरे की घंटी

राजनीति की मौजूदा चाल परखें तो इनेलो का साथ मिलने के बाद मराठा के इस कदम का सबसे बड़ा नुकसान आइएनडीआइ गठबंधन और करनाल में विशेष रूप से कांग्रेस प्रत्याशी दिव्यांशु बुद्धिराजा को हो सकता है।

भाजपा के लिए भी यह कहीं न कहीं खतरे की घंटी है, क्योंकि यदि दोनों नेताओं की करनाल और कुरुक्षेत्र में नए प्रयोग की रणनीति सफल रही तो इसी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी इसका असर साफ नजर आएगा।

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