आधुनिक कृषि यंत्रों पर 80 प्रतिशत तक अनुदान दे रही सरकार
जागरण संवाददाता, करनाल : गेहूं व धान के फाने और अन्य फसलों के अवशेष अब किसानों को जल
जागरण संवाददाता, करनाल : गेहूं व धान के फाने और अन्य फसलों के अवशेष अब किसानों को जलाने नहीं पड़ेंगे। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा हैप्पी सीडर, मल्चर, जीरो ट्रील सीड-कम-फर्टिलाइजर ड्रिल, रिवर्सिबल प्लो, स्ट्रा चोपर, स्ट्रा बेलर, स्ट्रा रिपर, रिपर बाइंडर व रोटावेटर जैसे अनेक यत्रों का अविष्कार किया गया है। आधुनिक कृषि यंत्रों को खरीदने के लिए सरकार द्वारा 40 से 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। किसान इन आधुनिक यंत्रों का प्रयोग करके फसल अवशेष प्रबंधन को अपना रहे हैं, इससे पर्यावरण दूषित होने से बचेगा और भूमि की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी।
उप-निदेशक कृषि डॉ. आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि प्रदेश में कस्टम हाय¨रग सेंटर के लिए कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना की है, इसके तहत आधुनिक कृषि यंत्र सरकार द्वारा किसानों को न केवल सस्ती दर पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं बल्कि सब्सिडी भी दी जाती है। फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए करनाल जिला में कुल 324 लाख रुपये अनुदान के रूप में किसानों को वित्तीय वर्ष 2017-18 में दिया जा चुका है और इस वर्ष केंद्रीय सरकार द्वारा 250 करोड़ रुपये हरियाणा राज्य के लिए मंजूर किए गए हैं। जिले करनाल में और 120 कस्टम हाय¨रग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले भी करनाल में 27 सेंटर काम कर रहे हैं।