डस्टबिन में घोटाले का आरोप, जांच की मांग
ब्लॉक इंद्री के कई सरपंचों ने गांवों में डस्टबिन रख दिए, वहीं निर्धारित से कई गुना रेट पंचायती रिकार्ड में दर्ज करने की शिकायत प्रशासन के पास भी पहुंची और फिर ऐसे मामलों में विभाग के अधिकारी जांच के लिए नियुक्त कर दिए। ऐसा एक मामला ग्राम पंचायत धूमसी जागीर का है।
संवाद सहयोगी, इंद्री
ब्लॉक इंद्री के कई सरपंचों ने गांवों में डस्टबिन रख दिए, वहीं निर्धारित से कई गुना रेट पंचायती रिकार्ड में दर्ज करने की शिकायत प्रशासन के पास भी पहुंची और फिर ऐसे मामलों में विभाग के अधिकारी जांच के लिए नियुक्त कर दिए। ऐसा एक मामला ग्राम पंचायत धूमसी जागीर का है। ग्रामीण मेमपाल ने 25 सितंबर 2017 को सीएम ¨वडो पर शिकायत देकर सरपंच और ग्राम सचिव पर गांवों में डस्टबिन रखवाने में लाखों रुपये गबन के आरोप लगाए गए थे, जिसमें शिकायतकर्ता का आरोप है कि सरपंच और ग्राम सचिव ने मिलकर निर्धारित से कई गुणा डस्टबिन के रेट पंचायती रिकॉर्ड में चढ़ा दिए। शिकायतकर्ता ने डीसी करनाल को कई बार पत्र भेजने के बाद सितंबर 2018 में मामला जिला कष्ट निवारण समिति में मंत्री नायब सैनी के सामने भी रखा। शिकायतकर्ता का आरोप है कि शिकायत को एक साल बीत गए, लेकिन अब तक सरपंच और ग्राम सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई। शिकायतकर्ता को अंदेशा है कि पंचायत विभाग के अधिकारी मामले में लीपापोती कर सकते हैं। उसने निष्पक्ष जांच करते हुए गबन किए पंचायती फंड की रिकवरी व दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। सरकारी रेट से दोगुना हैं डस्टबिन के रेट
शिकायतकर्ता मेमपाल ने कहा कि धूमसी की सरपंच ने ग्राम सचिव के साथ मिलीभगत कर गांव में लोहे के 40-45 डस्टबिन रखाए थे, लेकिन बाद में पता लगा कि पंचायती रिकॉर्ड में निर्धारित से कई गुना रेट चढ़ा दिए। पंचायती रिकार्ड में करीब साढ़े तीन-चार हजार रुपये प्रति डस्टबिन के चढ़ा दिए, बल्कि सरकारी रेट इससे दो गुना कम है। वर्जन
पंचायत राज के एसडीओ गौरव भारद्वाज का कहना है कि उनके पास तो अभी कुछ दिन पहले गांव धूमसी में रखवाए डस्टबिन के वजन करने के लिए पत्र आया है। दिवाली के बाद सरपंच को रिकॉर्ड लेकर बुलाया है। रखे गए डस्टबिन का वजन चैक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीएम ¨वडो पर दी शिकायत के बाद उस समय उनके द्वारा बनाई गई रिपोर्ट में शायद वजन के बारे में नहीं लिखा था।