गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से, स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा अब
खाद्य आपूर्ति विभाग में काम कैसे होता है? इसका यह इसका एक उदाहरण भर है। गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो रही है एक अप्रैल से। संबंधित स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है 9 अप्रैल को। खरीद शुरू होने के आठ दिन बाद विभाग को याद आया कि इस तरह का प्रशिक्षण भी दिया जाना है।
जागरण संवाददाता, करनाल : खाद्य आपूर्ति विभाग में काम कैसे होता है? इसका यह इसका एक उदाहरण भर है। गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो रही है एक अप्रैल से। संबंधित स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है 9 अप्रैल को। खरीद शुरू होने के आठ दिन बाद विभाग को याद आया कि इस तरह का प्रशिक्षण भी दिया जाना है। इस बार खरीद का रिकार्ड ऑन लाइन करना है। इसके लिए बकायदा से एक साफ्टवेयर बनवाया गया है। खरीद प्रक्रिया से जुड़े स्टाफ इसे सही से चला सके, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षण लेना जरूरी था। अब जब डाटा अपलोड करने की बात आई तो पता चला कि उन्हें तो प्रशिक्षण ही नहीं दिया। तब आनन फानन में प्रशिक्षण की औपचारिकता पूरी की गई। मंगलवार को कंपनी की ओर से प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
खरीद से 15 दिन पहले होनी चाहिए थी ट्रेनिग
सरकार को यदि गेहूं की ऑनलाइन खरीद करनी थी तो इस प्रकार की ट्रेनिग गेहूं खरीद शुरू करने से 15 दिन पहले करनी चाहिए थी, क्योंकि ऑनलाइन व्यवस्था को लागू करने के लिए सभी अधिकारी और वह कर्मचारी जो सिस्टम को आपरेट करेंगे पूरी तरह से एक्सपर्ट होने चाहिए। समय रहते ट्रेनिग दी जाती तो गेहूं की आनलाइन खरीद कैसे होगी इसका अभ्यास करने का भी मौका मिल जाता।
किसान समझें, इस बार ऐसे होगी गेहूं की ऑनलाइन खरीद
सबसे पहले किसान अनाज मंडी में जब गेहूं लेकर आएगा तो एंट्री प्वाइंट पर उसे गेट पास कटवाना होगा। यहां पर उसका वजन चेक होगा और किसान का नाम दर्ज होगा। इसके बाद किसान आढ़ती के पास गेहूं लेकर जाएगा। आढ़ती का यूजर नेम ओर पासवर्ड मार्केटिग बोर्ड द्वारा जेनरेट किया होता है। जिसको ओपन कर वह किसान का नाम, पता व फसल की पूरी डिटेल की एंट्री करेंगे। इससे ऑनलाइन जे फार्म जेनरेट होगा। इसके बाद आई फार्म लागिन से निकाला जाएगा। जिसको संबंधित खरीद एजेंसी का इंस्पेक्टर वैरीफाइ करेगा। इस प्रोसेस में मंडी में दिनभर में कितनी खरीद हुई है उसकी डिटेल बनाकर हैड आफिस भेजी जाएगी। ट्रेजरी के पास इसकी डिटेल आएगी। पेमेंट को डीएफएससी पास करेंगे, इसके बाद आढ़तियों के खाते में बैंकों के माध्यम से पेमेंट आएगी। यह पेमेंट आढ़तियों को एक सप्ताह के अंदर किसानों को देनी होगी।