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बुढ़ेड़ी के स्कूल को सुंदरता में पहला स्थान

बुढ़ेड़ी स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला ने मुख्यमंत्री सुंदरीकरण प्रतियोगिता में जिला में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पाठशाला के इंचार्ज स्टाफ सदस्यों व ग्राम पंचायत की मेहनत से पाठशाला ने यह मुकाम हासिल किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 09:31 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 09:31 AM (IST)
बुढ़ेड़ी के स्कूल को सुंदरता में पहला स्थान

संवाद सहयोगी, इंद्री: बुढ़ेड़ी स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला ने मुख्यमंत्री सुंदरीकरण प्रतियोगिता में जिला में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पाठशाला के इंचार्ज, स्टाफ सदस्यों व ग्राम पंचायत की मेहनत से पाठशाला ने यह मुकाम हासिल किया। इस उपलब्धि पर उप-मुख्यमंत्री ने करनाल में पाठशाला के इंचार्ज अनुज वर्मा को प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राजपाल द्वारा भी अनुज वर्मा को सम्मानित किया गया। साथ ही इंद्री में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में एसडीएम सुमित सिहाग ने पाठशाला के शिक्षकों को सम्मानित किया। इससे पहले भी यह पाठशाला ब्लॉक में प्रथम पुरस्कार जीत चुकी है। अब जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर पाठशाला ने क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है।

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पाठशाला में फूलों से सजी सुंदर क्यारियां:

बुढेड़ी की यह पाठशाला सुंदरता में अव्वल है। इसके प्रांगण में फूलों से सजी सुंदर क्यारियां है। पीने के पानी की व्यवस्था भी अच्छी है। मुख्य गेट से प्रवेश करते ही पाठशाला की सुंदरता नजर आती है। शिक्षकों व स्टाफ सदस्यों ने मेहनत करके पाठशाला का कायाकल्प किया है, जिसका परिणाम हुआ कि इस वर्ष इस पाठशाला ने मुख्यमंत्री स्कूल सुंदरीकरण प्रतियोगिता में जिला में प्रथम स्थान पाया। इंद्री ब्लॉक में 102 पाठशालाएं हैं। बुढेड़ी की यह पाठशाला 1970 से चल रही है। सितंबर 2016 में पाठशाला के इंचार्ज के तौर पर शिक्षक अनुज वर्मा ने कार्यभार संभाला और स्टाफ सदस्यों व ग्राम पंचायत के सहयोग से पाठशाला को सुंदर बनाया। इस समय पाठशाला में 31 बच्चे गांव व 3-4 बच्चे ईंट भट्ठे के मजदूरों के पढ़ने आते हैं, जबकि 2016 से पहले बच्चों की संख्या कम थी।

रंग लाया शिक्षक अनुज वर्मा का प्रयास:

अनुज वर्मा के अनुसार उनके ज्वाइन करने से पहले पाठशाला में भवन की स्थिति अच्छी नहीं थी। बच्चे भी कम आते थे। भवन सुधार के प्रयास किए गए। खास बात यह है कि कई विद्यालयों में लोहे के बेकार पड़े पाइपों को प्रार्थना पर पाठशाला में लाकर उन पाइपों को दुरुस्त करके पाठशाला की सुंदरता में इस्तेमाल किया गया। जिन विद्यालयों ने लोहे के खराब बेंचों को कबाड़ में रख दिया गया था, उनसे टूटे बेंचों को लाकर दुरुस्त करवा पाठशाला की सुंदरता में प्रयोग किया। अध्यापकों के प्रयास से सभी बच्चे रेगुलर वर्दी में आते हैं और बच्चों की उपस्थिति 100 प्रतिशत है, जोकि पहले 50-60 प्रतिशत रहती थी। पाठशाला की दशा सुधारने में ग्राम पंचायत, सरपंच रविद्र, शिक्षक संजय कुमार, राजकली, सुरेश, ललतेश व पुष्पा का विशेष सहयोग रहा।


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