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तालाबों में पनपते मच्छरों के लारवा को खत्म करने का काम करेगी गम्बुजिया फिश

संवाद सहयोगी घरौंडा ग्रामीण क्षेत्रों के गंदे तालाबों से मच्छरों का लार्वा खत्म करने के लिए

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 08:52 AM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 08:52 AM (IST)
तालाबों में पनपते मच्छरों के लारवा को खत्म करने का काम करेगी गम्बुजिया फिश
तालाबों में पनपते मच्छरों के लारवा को खत्म करने का काम करेगी गम्बुजिया फिश

संवाद सहयोगी, घरौंडा : ग्रामीण क्षेत्रों के गंदे तालाबों से मच्छरों का लार्वा खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग गम्बुजिया फिश हेचरी बना रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रांगण में फिश हेचरी के लिए तालाब बनाने का कार्य शुरू हो चुका है। निर्माण कार्य कुछ ही महीनों में पूरा हो जाएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इस तालाब में करनाल या पानीपत की हेचरी से गम्बुजिया फिश लाकर इस तालाब में डाली जाएगी। जैसे-जैसे इस तालाब में मछलियों की संख्या बढ़ेगी, वैसे ही इनको ग्रामीण क्षेत्रों के उन तालाबों में छोड़ा जाएगा, जहां पर मच्छरों का लार्वा अधिक बनता है। ये मछलियां मच्छरों के लारवा को खाने का काम करेगी और इस तरह से मच्छरों को पनपने से रोका जा सकेगा।

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मच्छरों के कारण होने वाली डेंगू, मलेरिया व अन्य बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें न सिर्फ डोर-टू-डोर जाकर घरों में रखें फ्रीज, पानी की टंकियों व कूलरों की जांच करती है, बल्कि लोगों को मच्छरों का लार्वा खत्म करने के तरीके भी बताती है। घरों में पैदा होने वाले मच्छरों के लार्वा को दवाइयों व अन्य तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन बड़े-बड़े तालाबों में दवाइयों का छिड़काव संभव नहीं हो पाता। ऐसे में तालाबों में उत्पन्न होने वाले लार्वा को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग गम्बुजिया मछलियों की सहायता लेता है। घरौंडा के सरकारी अस्पताल में गम्बुजिया फिश हेचरी पर काम शुरू हो चुका है। जेसीबी की सहायता से तालाब के लिए खुदाई की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मुनेश गायेल ने बताया कि अस्पताल परिसर में पांच मीटर लंबा, चार मीटर चौड़ा व डेढ़ मीटर गहरा तालाब बनाया जाएगा। तालाब बनने के बाद यहां करनाल या पानीपत से मछलियां लेकर आएंगे और इस तालाब में छोड़ देगें। जैसे ही इनकी संख्या बढ़ेगी, इनको ग्रामीण क्षेत्रों के तालाबों में डाल दिया जाएगा। इन तालाबों में ये मछलियां अपनी संख्या को बढ़ाएगी और मच्छरों के लारवा को खाने का काम करेगी। हेचरी के इस कार्य पर लगभग 40 से 50 हजार तक का खर्च आएगा। इसका काम आने वाले कुछ ही महीनों में पूरा हो जाएगा।


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