राजमार्गों पर हादसे रोकने को फुलप्रूफ प्लान, बचाएगा जान
जागरण संवाददाता करनाल करनाल सहित प्रदेश के सभी प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर
जागरण संवाददाता, करनाल: करनाल सहित प्रदेश के सभी प्रमुख राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर ब्लैक स्पाट का लंबा जाल फैला है। इसे देखते हुए बहुस्तरीय प्लान बनाकर चुनौती से निपटने की तैयारी है। इसके तहत नए सिरे से ब्लैक स्पाट चिह्नित करने के साथ ही एग्जिट प्वाइंट बढ़ाए जा रहे हैं तो वहीं राजमार्गों पर यातायात पुलिस की तैनाती बढ़ेगी। राजमार्गों के इर्द-गिर्द हादसों का कारण बनने वाले पेड़ों की छंटाई करने से लेकर नशे की हालत में या तेज रफ्तार वाहन चलाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। राजमार्गों की हालत खराब होने की शिकायत मिलने पर भी तुरंत इसे दुरुस्त नहीं किया गया तो संबंधित निर्माण इकाई पर कार्रवाई होगी।
दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर बीते कुछ समय से ब्लैक स्पॉट की संख्या में इजाफा हो रहा है। दिन हादसे भी पेश आते हैं, जिनमें हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। बीते वर्ष यानी 2020 में ही करनाल में लगभग 571 हादसे हुए, जिनमें तीन सौ से अधिक लोगों की जान चली गई। प्रदेश में पिछले वर्ष लगभग 7452 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 3500 से अधिक लोगों को जान गंवानी पड़ी। इस चिताजनक और लगातार गंभीर होती स्थिति के मद्देनजर ही जिला प्रशासन के साथ यातायात पुलिस ने भी सड़क सुरक्षा को लेकर नए सिरे से कार्ययोजना तैयार की है।
इसके तहत जहां पुलिस महानिरीक्षक यातायात एवं राजमार्ग डा. राजश्री ने करनाल सहित सभी जिलों के उपायुक्तों और एसपी को दिशा-निर्देशित किया है तो वहीं उपायुक्त निशांत यादव की अगुवाई में सभी एसडीएम को भी सड़क सुरक्षा का दायरा बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खासकर, इन दिनों कायम सर्दी और धुंध के प्रकोप के बीच सभी राजमार्गों में पहले से चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर पुलिस की तैनाती के साथ गश्त का सिलसिला बढ़ाया जा रहा है ताकि दिन-रात चलने वाले ही नहीं बल्कि, उन वाहनों पर भी नजर रहे, जो किसी कारणवश सड़क पर खड़े होने के बाद हादसों का कारण बनते हैं। विभिन्न हादसों में यह पहलू सामने आया तो वहीं सड़कों पर सफर के समय नजर न आने वाले गड्ढे भी हादसे बढ़ा रहे हैं।
डीसी निशांत यादव ने स्पष्ट किया है कि शिकायत के बावजूद ऐसे सड़कें तुरंत ठीक नहीं की गईं तो संबंधित इकाई पर कार्रवाई की जाएगी। नशे की हालत में वाहन चलाने वालों की धरपकड़ भी तेज की जाएगी। जबकि राजमार्गों से सटी ग्रीन बेल्ट में सड़क की तरफ खड़े उन पेड़ों की छंटाई की जाएगी, जिनके चलते अक्सर हादसे होते हैं। नए एग्जिट प्वाइंट से कम होंगे हादसे
करनाल में नेशनल हाईवे पर नए एग्जिट प्वाइंट बनने से भी हादसों में कमी आने की उम्मीद है। इन्हें बनवाने में अहम भूमिका निभाने वाले रोड सेफ्टी कमेटी के सदस्य संदीप लाठर ने बताया कि इन प्वाइंट पर महानगरों की तरह वे फाइंडिग और इन्फोरमेटरी बोर्ड लगे होंगे, जिनसे रास्ते की पूरी जानकारी मिलेगी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को यह कार्य करना था, मगर अब स्मार्ट सिटी के बजट से जिला प्रशासन यह कार्य रहा रहा है। जिले में एक छोर से दूसरे छोर तक हाईवे पर करीब 20 किलोमीटर हिस्से में दोनों तरफ कुल आठ-आठ एग्जिट प्वाइंट तय किए गए हैं, जिस पर लगभग 25 लाख रुपये खर्च होंगे। रोड सेफ्टी कमेटी ने गहन सर्वे के आधार पर इसका प्रस्ताव प्रशासन को दिया था, जिसे मंजूर करने के साथ ही टेंडर भी हो गया है। एक माह में ये प्वाइंट बनने की उम्मीद है।