ठंड हुई प्रचंड, छह साल का रिकॉर्ड टूटा, न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री पर आया
ठंड प्रचंड हो चुकी है। हर तरहजनजीवन ठिठुर रहा है। वर्ष 2013 के बाद छह साल में शुक्रवार की रात सबसे ठंडी दर्ज की गई। शनिवार को न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान भी 10.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, करनाल : ठंड प्रचंड हो चुकी है। हर तरहजनजीवन ठिठुर रहा है। वर्ष 2013 के बाद छह साल में शुक्रवार की रात सबसे ठंडी दर्ज की गई। शनिवार को न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान भी 10.0 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। दिन और रात इतने ठंडे हैं कि लोगों को घरों से निकलना दूभर हो गया है। नमी की मात्रा में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है। सुबह के समय नमी सौ फीसद दर्ज की गई, जो शाम को 92 फीसद रही। हवा 2.0 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में पाला जम सकता है। शीत लहर भी चलेगी।
अभी राहत के आसार नहीं, बरसात और ओलावृष्टि से नए साल का आगाज
मौसम विभाग के मुताबिक लोगों को अभी ठंड से राहत नहीं मिलेगी। 29 दिसंबर को पाला जम सकता है। 30 दिसंबर को भी विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है। 31 दिसंबर को घना कोहरा छाने की संभावना बनी हुई है। 2020 के आगाज पर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बरसात और ओलावृष्टि हो सकती है।
हृदय रोगियों के लिए खतरनाक है ठंड, ये बरतें सावधानी
- ज्यादा ठंडे माहौल में जाने से बचें। यदि ठंड में बाहर निकलें तो अच्छी तरह से ऊनी वस्त्र पहनकर, सिर में भी टोपी आदि लगाकर निकलें, ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहें और रक्तवाहिनियों में सिकुड़न न हो।
- अधिक वसा युक्त चीजें खाना और सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल ना करें। इससे रक्तवाहिनियां संकरी हो सकती हैं और हृदय तक सही रक्तसंचार में समस्या आ सकती है। इसके अलावा दबाव भी बन सकता है।
- सुबह-शाम तीन-चार किमी सैर जरूर करें। इसके कई फायदे हैं। न केवल रक्तसंचार बेहतर होगा, बल्कि शरीर में गर्माहट बनी रहेगी और वसा का जमाव भी नहीं होगा, जो खतरनाक साबित होता है।
- तनाव लेने से बचें। गुनगुनी धूप का आनंद लें, लेकिन सिर ढक कर रखें। अधिक ठंड बढ़ने पर ताप सेंके, मगर कुछ दूरी से।
धूप निकली, लेकिन बेअसर रही
10 दिन के बाद शनिवार दोपहर को सूर्यदेव के दर्शन हुए। धूप निकलते ही लोग घरों से बाहर निकले, लेकिन इतनी तेज भी नहीं थी कि सेकी जा सके। कड़ाके की ठंड के कारण धूप बेअसर रही। ठंड से बचाव के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया।
ठंड से गेहूं की फसल में हुआ अच्छा विकास
कृषि विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डॉ. एसपी तोमर ने कहा कि ठंड इस बार अच्छी पड़ रही है। अभी तक जो मौसम बना हुआ है, उससे गेहूं के पौधों में अच्छा विकास है। इस बार जिले में 1.72 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बोआई की गई है। ठंड यदि लंबी चली तो गेहूं उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा। छह सालों में दिसंबर में तापमान की स्थिति
वर्ष न्यूनतम तापमान
2014 2.6 डिग्री सेल्सियस
2015 3.4 डिग्री
2016 3.6 डिग्री
2017 4.6 डिग्री
2018 2.0 डिग्री
2019 1.5 डिग्री
नोट : यह आंकड़ा मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया है।