स्कूल बस पलटने से चार बच्चे घायल अभिभावकों में हड़कंप
20 बच्चों को स्कूल ले जा रही बस खेतों में पलट गई।
संवाद सूत्र, निसिग
गोंदर गांव से बच्चों को लेकर जलमाना के निजी स्कूल के लिए निकली स्कूल बस अलावला गांव के समीप पलट गई। जिसमें ड्राइवर, कंडक्टर सहित 20 बच्चे सवार थे। जिसमें चार बच्चों को चोट आई है। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया है। हादसे की वजह बताई जा रही है कि अचानक स्टेयरिग जाम हो गया था। जैसे ही बस पलटी आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बच्चों को बस के शीशे तोड़कर अंदर फंसे बच्चों को बाहर निकाला। हादसे की सूचना अभिभावकों को मिली तो वह भी घटनास्थल पर दौड़े चले आए। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि बस की नियमित जांच नहीं हो रही, जिस वजह से यह हादसा हुआ है। बस अचानक लहराई, खेत की ओर झुकती चली गई
बच्चों ने बताया कि बस की स्पीड थोड़ी ज्यादा थी। इसी बीच अचानक बस सड़क पर लहराने लगी। जब तक बच्चे कुछ समझ पाते, बस खेत में पलट गई। सीटों पर बैठे बच्चे फर्श पर गिर गए और स्कूल बैग उनके ऊपर आकर गिरे। बस पलटते ही बच्चों में कोहराम मच गया। ड्राइवर और कंडक्टर भी कुछ भी करने की स्थिति में नहीं थे। इधर फर्श पर पड़े बच्चे जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। हादसे को देखकर आसपास के लोग वहां पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। अभिभावक बोले बस की नहीं हो रही नियमित जांच
हादसे के बाद अभिभावकों में स्कूल प्रबंधन के प्रति गहरा रोष है। उन्होंने कहा कि हर बार बस का किराया बढ़ाया जाता है, लेकिन नियमित जांच नहीं होती। ड्राइवर करता है कि स्कूल बस स्टेयरिग जाम होने से पलटी है, जबकि बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि बस स्पीड अधिक थी, जिसे नियंत्रित नहीं कर पाए और वह पलट गई। एक्सपर्ट बोले- यूं जाम नहीं हो सकता स्टेयरिग
मैकेनिकल इंजीनियर डॉ. विकास शर्मा ने बताया कि बस का स्टेयरिग इस प्रकार जाम नहीं हो सकता। इसमें कहीं ना कहीं बस की मेंटेनेंस के काम में कमी रही है। बस की पूरी पड़ताल होनी चाहिए। पता किया जाना चाहिए कि स्टेयरिग जाम हुआ है तो कैसे? उन्होंने बताया कि या तो यह बस पुरानी है, या फिर जिसका रख-रखाव ठीक नहीं हो रहा था। स्कूल प्रबंधन ने छिपा दिए घायल बच्चे
हादसे के बाद अपनी नाकामी को छिपाने के लिए स्कूल प्रबंधन ने घायल बच्चों को छिपा दिया। उनकी जगह स्वस्थ बच्चों को वहां पर खड़ा कर फोटो तक जारी कर दी। इस हादसे को लेकर आसपास के लोगों में भी रोष है। पुराने कंडम वाहनों पर लगे रोक
अभिभावक राजेंद्र सिंह ने कहा कि नौनिहालों के सुरक्षित सफर के लिए कई स्कूल संचालकों द्वारा ज्यादा पुराने वाहन इस्तेमाल में लाए जाते हैं। जो बस थी वह पुराना मॉडल नजर आ रही है। बच्चों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल प्रशासन पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। चालकों को वर्ष में दो बार मिले ट्रेनिग
हादसे के बाद एकत्रित हुए अभिभावक संदीप कुमार, विकास गोयल व धीरज कुमार ने कहा कि बस चालक प्रशिक्षित था या नहीं उसकी भी जांच की जानी चाहिए। पैसे के लालच में स्कूल संचालक कम सैलरी में अनट्रेंड ड्राइवरों को रख लेते हैं। ऐसे में बड़ा हादसा होने का भय रहता है। सड़क हादसों पर रोक लगाने हेतु स्कूलों में हर छह माह में समर व विटर ब्रेक के दौरान सभी स्कूली चालक व परिचालकों को शिविर के तहत यातायात नियमों की ट्रेनिग दी जानी चाहिए। वहीं दूसरे वाहन चलाने वाले लोगों की भी समय समय पर ट्रेनिग सुनिश्चित करनी चाहिए।