ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए भेजे पांच राइस मिल के नाम
चावल घोटाले की जद में आई पांच राइस मिल के नाम विभाग की ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए भेजे गए हैं। इन पांचों राइस मिल में स्टॉक कम मिला था। इसके चलते इन पांचों राइस पर यह कार्रवाई करने की अनुशंसा के साथ रिपोर्ट उपायुक्त निशांत यादव ने मुख्यालय में भेज दी है। इसके साथ ही 16 राइस मिल की प्रोपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में भी उपायुक्त की ओर से आदेश जारी किए जा चुके हैं। दूसरी ओर खाद्य एवं आपूर्ति
अश्विनी शर्मा, करनाल
चावल घोटाले की जद में आईं पांच राइस मिल के नाम विभाग की ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए भेजे गए हैं। इन पांचों मिल में स्टॉक कम मिला था। इसके चलते पांचों मिल पर यह कार्रवाई करने की अनुशंसा के साथ उपायुक्त निशांत यादव ने मुख्यालय में रिपोर्ट भेज दी है। 16 राइस मिल की प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में भी उपायुक्त की ओर से आदेश जारी किए जा चुके हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीमें मिलों की फिजिकल वेरीफिकेशन में लगी हैं। उम्मीद है कि एक-दो दिन में यह जांच पूरी हो जाएगी। कुछ और राइस मिल भी जांच में आकर फंस सकती हैं क्योंकि यह जाहिर हो चुका है कि लॉकडाउन के दौरान कई मिल संचालकों ने सरकारी चावल बाजार में बेच दिया था और उसकी भरपाई के लिए उत्तर प्रदेश व बिहार से सस्ता चावल या पीडीएस का चावल मंगवाया जा रहा था। चावल को मिल में लाने के बाद प्रोसेसिग की प्रक्रिया से गुजारा जा रहा था और फिर उसे सरकारी गोदाम में जमा करवाकर गोलमाल को अंजाम दिया जा रहा था।
दैनिक जागरण ने घोटाले को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास के आदेश पर जांच के बाद परतें खुलनी शुरू हो गई। एक जांच डीसी ने एडीसी अशोक बंसल को सौंपी तो दूसरी डीएफएसससी निशांत राठी के नेतृत्व में शुरू की गई। एडीसी की ओर से गठित टीम ने 41 राइस मिल की जांच की। पांच मिल के नाम ब्लैक लिस्ट में डालने के लिए उपायुक्त की ओर से मुख्यालय को भेजे गए हैं। डीएफएससी के नेतृत्व में सात जांच टीम राइस मिल में अभी फिजिकल वेरीफिकेशन कर रही हैं। फाइनल रिपोर्ट के बाद घोटाले की जद में फंसने वाली मिलों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
उपायुक्त निशांत यादव ने कहा कि पांच मिलों को ब्लैक लिस्ट करने के लिए नाम मुख्यालय भेजे हैं। ये मिल सरकार के साथ कभी काम नहीं कर पाएंगी। इनसे सरकारी चावल के एवज में रिकवरी की जाएगी। डीएफएससी निशांत राठी ने कहा कि विभाग की सात टीम जांच में लगी हैं। जल्द जांच पूरी होगी और रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी।