नियम 134ए के तहत हुए दाखिलों में गड़बड़ी की आशंका, अभिभावकों ने सीएम ¨वडो पर शिकायत कर मांगी उत्तर पुस्तिका
एंट्रेंस एग्जाम में नंबर कम आने के कारण जिन बच्चों का नियम 134ए के तहत प्राइवेट स्कूल में दाखिला नहीं हो सका है, उनके अभिभावकों को दाखिले में गड़बड़ी की आशंका है। लिहाजा अब वे सीएम ¨वडो पर शिकायत कर पेपर की जांच करवाने की मांग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : एंट्रेंस एग्जाम में नंबर कम आने के कारण जिन बच्चों का नियम 134ए के तहत प्राइवेट स्कूल में दाखिला नहीं हो सका है, उनके अभिभावकों को दाखिले में गड़बड़ी की आशंका है। लिहाजा अब वे सीएम ¨वडो पर शिकायत कर पेपर की जांच करवाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, उत्तर पुस्तिका की कॉपी देने की भी उन्होंने मांग की है, लेकिन शिक्षा विभाग ने नियमों का हवाला देकर उत्तर पुस्तिका दिखाने से मना कर दिया है। करनाल ब्लाक में प्रवेश परीक्षा पास करने वाले 1838 में से 1378 विद्यार्थियों का 134ए के तहत दाखिल हो गया है।
करनाल ब्लॉक का है मामला
अभिभावक लालमन ने सीएम ¨वडो पर शिकायत कर कहा है कि उनके बेटे श्रवण ने 134ए के तहत पांचवीं का एंट्रेंस एग्जाम दिया था, लेकिन उसे फेल घोषित कर दिया गया। उसने सीएम ¨वडो पर शिकायत करके पेपर की जांच कराने की मांग की है। ताकि उनका बेटे को स्कूल में एडमिशन मिल सके और उसकी पढ़ाई का नुकसान न हो।
इधर, बीईओ करनाल की ओर से शिकायतकर्ता को कार्यालय में बुलाकर उसे रिजल्ट की पूरी जानकारी देते हुए संतुष्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि हमने अपने स्तर पर उत्तर पुस्तिका की चे¨कग की है। जिसमें शिकायतकर्ता का बच्चा फेल है। उत्तर पुस्तिका दिखाने बारे जिला शिक्षा अधिकारी से भी मार्गदर्शन मांगा गया है।
डीईओ ने विभाग के निदेशक से पत्र लिखकर मांगा मार्गदर्शन
शिकायतकर्ता द्वारा उत्तर पुस्तिका दिखाने की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर जांच के बारे में मार्गदर्शन मांगा गया है। डीईओ ने मांग की है कि क्या नियम 134ए के तहत प्रवेश परीक्षा की उत्तर पुस्तिका की प्रति अभिभावकों अथवा प्रार्थी को दिखाई जा सकती है या नहीं। क्योंकि नियम में इस बारे कुछ भी उल्लेख नहीं है। फोटो---07 नंबर है।
अभिभावक रिजल्ट पर रखें भरोसा
करनाल बीईओ सपना जैन ने कहा कि अभिभावकों को रिजल्ट पर भरोसा रखना चाहिए। रिजल्ट में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं है। हालांकि नियमों के अनुसार उत्तर पुस्तिका किसी को भी नहीं दिखा सकते, लेकिन फिर भी विभाग के निदेशक से इस बारे में मार्गदर्शन मांगा गया है। यदि उत्तर पुस्तिका दिखाने के निर्देश मिलेंगे तो अभिभावकों को दिखा देंगे। वैसे अपने स्तर पर शिकायतकर्ता को संतुष्ट करके शिकायत को डिस्पोज ऑफ कर दिया गया है।