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कहीं खानी ना पड़ जाए ताउम्र दवाइयां, इसलिए जांच कराने से डरते हैं लोग

मधुमेह क्रॉनिक डिसीज है। इतनी खतरनाक कि समय पर डाइग्नोज नहीं किया गया तो यह दीमक की तरफ पूरे शरीर के अंगों को प्रभावित करना शुरू कर देती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 01:25 AM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 01:25 AM (IST)
कहीं खानी ना पड़ जाए ताउम्र दवाइयां, इसलिए जांच कराने से डरते हैं लोग
कहीं खानी ना पड़ जाए ताउम्र दवाइयां, इसलिए जांच कराने से डरते हैं लोग

जागरण संवाददाता, करनाल : मधुमेह क्रॉनिक डिसीज है। इतनी खतरनाक कि समय पर डाइग्नोज नहीं किया गया तो यह दीमक की तरफ पूरे शरीर के अंगों को प्रभावित करना शुरू कर देती है।

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कम्युनिटी मेडिसन विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. राजेश गर्ग बताते हैं कि मरीजों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि वह शुगर की जांच इसलिए नहीं कराते कि यदि जांच में वह डाइबिटिक मिले तो ताउम्र दवाइयां खानी पड़ेंगी। इससे रोग बढ़ता रहता है और लोग तब इलाज करवाना शुरू करते हैं जब शुगर शरीर के अंगों को काफी नुकसान पहुंचा चुकी होती है।

कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में बुधवार को व‌र्ल्ड डाइबिटीज डे पर आयोजित वर्कशॉप में इस विषय पर मंथन किया और यह संकल्प भी लिया कि इस खतरनाक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ. निवेश अग्रवाल, डॉ. मधुर वर्मा, डॉ. मनमीत, डॉ. निखिल, डॉ. गौरव मौजूद रहे।

इसलिए जरूरी है जांच

कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. सुरेंद्र कश्यप ने कहा कि समय पर मधुमेह की पहचान नहीं हुई तो लोग दवाई नहीं लेंगे। इससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। शुगर रोगी के दिल, किडनी और बाकि अंगों पर भी इन बीमारियों का प्रभाव पड़ सकता है। कम उम्र में ही मौत की संभावना बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि शुगर की बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए। इसकी सही जानकारी और सही इलाज से रोगी लंबे समय तक एक बेहतरीन जीवन जी सकता है।

करनाल में 4.1 महिलाएं व 10.1 प्रतिशत पुरुष मधुमेह के शिकार

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक करनाल में 4.1 प्रतिशत महिलाएं और 10.1 प्रतिशत पुरुष शुगर की चपेट में हैं। ऐसे में यह साफ है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक नहीं हैं। बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिनचर्या में बदलाव बेहद जरूरी है।

शुगर से बचाव रखना है तो इनका करें त्याग

जनरल मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. अमनदीप ¨सह ने कहा कि धुम्रपान, शराब, खान-पान में अधिक तला और मीठा लेने, जंक-फूड, जीवन शैली में बदलाव, व्यायाम की कमी और तनाव भरे जीवन का त्याग करना चाहिए। इनसे दूर रहकर हम शुगर को भगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को शुगर के लक्षणों जैसे बार-बार पेशाब आना, ज्यादा प्यास लगना, लगातार भूख लगना, वजन घटना, थकावट होना आदि के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि शुगर की बीमारी अगर अनियंत्रित हो तो शरीर के बाकी अंगों जैसे दिल, दिमाग, आंखों, नसों, पैरों के जख्म, किडनी आदि पर दुष्प्रभाव डालती है। शुगर को पता करने के लिए की जाने वाली जांचों और इलाज पर भी उन्होंने विस्तृत जानकारी दी।

इस प्रकार कर सकते हैं शुगर पर कंट्रोल

केसीजीएमसी के पोषण विभाग से पारुल ने बताया कि जीवन शैली को संतुलित रखते हुए हर रोजाना 30 से 45 मिनट तक व्यायाम करना जरूरी है। खाने में फल और सब्जियों का अधिक सेवन, ज्यादा तले, मीठे व फास्ट फूड से परहेज, नमक को कम से कम मात्र में लेना आदि उपायों से शुगर और दिल की बीमारियों को टाला जा सकता है।


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