आय बढ़ाने के लिए फसल विविधिकरण का प्रयोग करें किसान
किसानों की आय बढ़ाए बिना आर्थिक उन्नति के आंकड़ों को हासिल करना बेहद मुश्किल है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : आय बढ़ाने के लिए किसान फसल विविधिकरण और सहकारी कृषि को अपने व्यवसाय का हिस्सा बनाएं। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए बागवानी व कृषि को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं चलाई गई हैं। भावांतर भरपाई योजना किसानों के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। यह बातें घरौंडा के विधायक हरविन्द्र कल्याण ने कही।
विधायक शुक्रवार को कैथल रोड स्थित विर्क रिजोर्ट में कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) द्वारा आयोजित इन्नोवोटिव फार्मर मीट के दौरान किसानों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाए बिना आर्थिक उन्नति के आंकड़ों को हासिल करना बेहद मुश्किल है। इस बात को मद्देनजर रखते हुए सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। किसानों से कहा कि वे बिचौलिए या अन्य एजेंसियों की बजाय अपनी उपज के लिए सीधे विश्व बाजार से संपर्क करें। किसान अपनी ऊपज को स्वयं के ब्रांड बनाने व बेचने के लिए एकजुट होकर कार्य करें, इससे आय को बढ़ावा मिलेगा। उन्हें जैविक खेती की ओर भी कदम बढ़ाना चाहिए। इससे अच्छी क्वालिटी के उत्पाद के साथ-साथ उचित मूल्य भी मिलेगा। किसानों को गेहूं और धान के चक्र से बाहर निकलते हुए फसल विविधिकरण को भी अपनाना चाहिए।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक अभिमन्यु मलिक ने कृषि में वित्त के महत्व पर ध्यान केन्द्रित किया। जिला बागवानी अधिकारी मदन लाल ने किसानों को प्रदेश सरकार द्वारा बागवानी को बढ़ावा देने के लिए चलाई गई योजनाओं के बारे में जानकारी दी। पीआइ इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ प्रबंधक अमित जोशी ने कहा कि सभी किसानों को चाहिए कि वह पानी की समस्या को दूर करने के लिए डीएसआर को अपनाएं।
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