किसानों ने अनाज मंडी के गेट को जड़ा ताला
संवाद सूत्र, नि¨सग : कस्बे अनाज मंडी में किसानों को उनकी धान की फसल के सरकार की ओर से
संवाद सूत्र, नि¨सग : कस्बे अनाज मंडी में किसानों को उनकी धान की फसल के सरकार की ओर से तय किए गए दाम नही मिल पा रहे हैं। इसी बात को लेकर बृहस्पतिवार को किसानों ने नई अनाज मंडी के दोनों गेटों पर ताला जड़ दिया ओर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। किसानों का यह भी कहना है कि गत तीन अक्तूबर को सीएम, कृषि मंत्री व प्रमुख अधिकारियों की मी¨टग होने के बाद भी 22 प्रतिशत तक नमी वाली धान की खरीद नही हो पा रही है। जबकि किसानों से धान की खरीद 1200 से लेकर 1350 रुपये प्रति क्विंटल खरीदी जा रही हैं। उनकी फसल के खरीद के बाद जे फार्म 1510 रुपये के काटे जा रहे हैं। जाम कि सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। किसानों ने जाम करीब एक बजे लगा दिया। जाम के कारण सांभली रोड से ¨सघड़ा रोड तक ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी लाईन लग गई। बाद में मार्केट कमेटी सचिव दलेल ¨सह व नायब तहसीलदार रामचंद्र ने अनाज मंडी पहुंच 22 प्रतिशत नमी वाली धान की खरीद करवाए जाने के आश्वासन देने के बाद भी किसान अपनी बात पर अड़े रहे ओर नई अनाज मंडी में किसानों ने सरकार व मार्किट कमेटी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक रोष मार्च भी निकाला।
अनाज मंडी में अपनी फसल बेचने आए इनेलो के हलका असंध प्रधान हरि ¨सह संधू, किसान प्रताप ¨सह, गुरजीत ¨सह बालू, चंद्रपाल गोंदर, श्रीपाल गोंदर, निर्मल ¨सह, मुकेश वर्मा, नवजोत ¨सह, परमजीत ¨सह सहित अन्य किसानों का कहना था कि उनकी फसल की खरीद के दाम में कटौती की जा रही है। किसानों से कम दाम पर खरीद कर उनको सरकार की ओर से तय दामों का परचा काट कर दिया जाता है। सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारी राइस मिलरों से मिलकर किसानों को लूट रहे है। प्रदेश सरकार ने मोटे धान का न्यूनतम मूल्य 1510 रुपये प्रति क्विटल निर्धारित किया हुआ है, जबकि धान की खरीद कर रहे राइस मिलर्स 1200 से लेकर 1350 रुपये में किसानों को लूट रहे हैं। किसानों ने कहा कि देश व प्रदेश में जब से भाजपा सरकार आई है, तभी से व्यापारियों द्वारा किसानों की फसलों को दोनों हाथों से लूटा जा रहा है। चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि अच्छे दिन आएंगे, लेकिन किसानों के तो बुरे दिन आ गए हैं। मंडी के व्यापारियों द्वारा किसानों का धान मंदे में खरीदा जा रहा है। जिस कारण किसान साहूकारों व बैंकों के कर्ज तले दबकर आत्महत्या करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में किसानों की जो दुर्गति हुई है। इससे पहले किसी सरकार में नही हुई थी। उन्होंने भाजपा को किसान विरोधी सरकार बताते हुए व्यापारियों की सरकार बताया।
शाम करीब सवा पांच बजे अधिकारियों के ठोस आश्वासन के बाद किसानों ने जाम खोला। अनाज मंडी के दोनों गेटों को भी खोल दिया गया। इसी मामले को लेकर मार्केट कमेटी कार्यालय में नायब तहसीलदार रामचंद्र के साथ व्यापारियों की बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि यदि शुक्रवार को धान की खरीद सुचारू रूप से नहीं हुई तो अगले दिन फिर से जाम लगा दिया जाएगा।