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भारी पड़ रहा हर निवाला, हर तरफ मिलावट का बोलबाला

-- शहर से लेकर गांव देहात तक छापेमारी के बावजूद सक्रिय हैं मिलावटखोर जागरण

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 06:26 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 06:26 AM (IST)
भारी पड़ रहा हर निवाला, हर तरफ मिलावट का बोलबाला
भारी पड़ रहा हर निवाला, हर तरफ मिलावट का बोलबाला

-- शहर से लेकर गांव देहात तक छापेमारी के बावजूद सक्रिय हैं मिलावटखोर

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जागरण संवाददाता, करनाल: त्योहारी सीजन में चारों तरफ मिलावट का बोलबाला है। अभी तक नवरात्र के व्रत में बहुतायत से प्रयुक्त होने वाले कुट्टू के आटे में मिलावट के मामले सामने आने के कारण ही जहां कई लोग बीमार पड़ गए थे और असंध क्षेत्र में एक बालिका की मौत के लिए भी यही स्थिति जिम्मेदार मानी जा रही है तो अब दीपावली की आमद से पहले मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थों में भी इसी प्रकार के गोरखधंधे की शिकायतें सामने आने लगी हैं। इसी के चलते खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम के साथ सीएम फ्लाइंग की टीम लगातार छापेमारी तो कर रही है लेकिन जिस तरह जिले में चारों तरफ मिलावटखोर सक्रिय हैं, उसे देखते हुए इस चुनौती से निपटना इन महकमों के लिए भी कतई आसान नहीं होगा। पहले बात करते हैं कि कुट्टू के आटे की। नवरात्र में व्रत रखने वाले लोगों के लिए कुट्टू का आटा बहुतायत से प्रयोग करते हैं। इसी के चलते इस आटे का कारोबार चरम पर पहुंच जाता है लेकिन अनेक लोगों के लिए यही आटा पूरे नवरात्र के दौरान जहर के समान साबित हुआ। लगातार ऐसे मामले सामने आए, जिसमें खराब आटे के कारण लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया गया। इसी के चलते जहां एक छात्रा की मौत हो गई तो वहीं 30 से अधिक लोग बीमार पड़े। यह तो वह संख्या है, जो आधिकारिक रूप से सामने आई। जिन लोगों की शिकायत ही कहीं नहीं पहुंची, वह आंकड़ा इससे भी कहीं अधिक हो सकता है। इसके बावजूद पूरे नवरात्र के दौरान यह आटा जिले भर में आखिर कहां से सप्लाई होता रहा, अधिकारी अब तक भी इसकी तस्दीक नहीं कर सके हैं। कमोबेश यही स्थिति मिठाई के मामलों में भी देखी जा सकती है। अब तक कई बार की गई छापेमारी में जगह जगह खराब रसगुल्ले, बर्फी और मावे की खेप पकड़ी जा चुकी है। शनिवार को भी शहर में बस स्टैंड के समीप स्थित मिठाई की दुकानों पर छापेमारी गई है लेकिन लोगों के स्वास्थ्य से लगातार खिलवाड़ के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। बेशक, भले ही सीएम फ्लाइंग व खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम संयुक्त रुप से छापेमारी के लिए फील्ड में उतरी हैं लेकिन मिठाई और ऐसे अन्य खाद्य पदार्थों की आड़ में काला कारोबार करने वाले लोगों की चालाकी भारी पड़ रही है। टीम के पहुंचने से पहले ही अक्सर दुकानों से इस प्रकार का सारा स्टॉक बेहद सधे अंदाज में गायब कर दिया जाता है। ----------------- बहुत मजबूत है नेटवर्क आलम यह है कि ज्यादातर मिलावटखोरों को हर बार छापे की भनक पहले ही लग जाती है। बीते दिनों कुटटु के आटे की जांच के लिए जब टीम ने अलग-अलग क्षेत्रों में दुकानों पर छापेमारी करके आटे के सैंपल लिए तो दुकानदार से लेकर आटा खरीदने वाले आम लोगों की जुबां पर शहर के मुख्य कारोबारियों का नाम आया। लेकिन जब भी टीम वहां पहुंचती तो आटा गायब मिलता। यही स्थिति मिठाई के मामलों में भी है, जिसे तैयार करने वाले असली खिलाड़ी आज तक महकमों की पकड़ से दूर हैं। माना जा रहा है कि छापेमारी की भनक टीम के पहुंचने से पहले ही संबंधित कारोबारियों को लग जाती है। ------------------ जरूरी है एक्स्पाइरी डेट मिठाई की दुकानों पर अब एक एक आइटम पर एक्सपाइरी डेट का उल्लेख करना अनिवार्य है लेकिन फिलहाल कम ही दुकानदार इस नियम का पालन करते नजर आ रहे हैं। कई जगह तो सफाई के मानकों का भी धड़ल्ले से उल्लंघन हो रहा है। सबसे खराब स्थिति शहर की संकरी गलियों से लेकर गांव देहात तक की है, जहां पूरी तरह चोरी-छिपे ढंग से मिलावटखोर मिठाइयों का बड़ा स्टॉक तैयार कर रहे हैं। इन पर छापे को लेकर फिलहाल विभागों की भी कोई ठोस योजना नजर नहीं आती, जिसका पूरा फायदा वे जमकर उठा रहे हैं। ------------------ क्या कहते हैं अधिकारी जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ संदीप कादियान के अनुसार अभी तक आटे में मिलावट के मामलों की जांच के लिए आरकेपुरम, शक्तिपुरम, कुंजपुरा रोड, सेक्टर सात व आठ, सदर बाजार, सर्राफा बाजार, रामनगर, असंध, निसिग, काछवा सहित कई जगह छापेमारी की गई है। इसी प्रकार मिठाई के सैंपल भी जुटाए गए हैं। सभी सैंपल जांच के लिए जा चुके है, जिनकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। छापेमारी का सिलसिला जारी रहेगा, जिसमें जनता को भी सहयोग करना चाहिए।


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