Move to Jagran APP

एक दिन का भी पीएफ कटने पर भी कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी है 1000 रुपये मासिक पेंशन का हकदार

कोई भी कर्मचारी जो ईपीएफओ का सदस्य बना है, रजिस्ट्रेशन के बाद

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Feb 2018 01:31 AM (IST)Updated: Wed, 14 Feb 2018 01:31 AM (IST)
एक दिन का भी पीएफ कटने पर भी कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी है 1000 रुपये मासिक पेंशन का हकदार
एक दिन का भी पीएफ कटने पर भी कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी है 1000 रुपये मासिक पेंशन का हकदार

जागरण संवाददाता, करनाल : कोई भी कर्मचारी जो ईपीएफओ का सदस्य बना है, रजिस्ट्रेशन के बाद उसका एक दिन भी पीएफ कटा है, और उसकी मौत हो जाती है तो उसके आश्रित आजीवन पेंशन लेने के हकदार हैं। ईपीएफओ के नियमों के अनुसार मृतक अंशदाता की पत्नी या जो भी नॉमिनी है, उसे 1000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। साथ ही उसके दो बच्चों को भी पढ़ाई के लिए अलग से इस पेंशन का 25 प्रतिशत यानि 250 रुपये भी दिए जाते हैं। वहीं अगर रजिस्ट्रेशन के दिन से एक साल तक अंशदाता का पीएफ नियमित उसके खाते में जमा हुआ है और साल पूरा होने के बाद उसकी सामान्य मौत होती है तो पेंशन के अलावा उसके आश्रितों को बीमा भी मिलता है। जानकारी के अभाव में लोग ईपीएफओ के इस नियम का लाभ नहीं उठा पाते। करनाल स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय में इसके अंतर्गत आने वाले आठ जिलों से एक साल में इसके महज 30 से 40 केस ही आते हैं।

loksabha election banner

सामान्य मौत पर 6 लाख तक है बीमा

ईपीएफ के अंशदाता की सामान्य मौत पर ईपीएफओ द्वारा 6 लाख रुपये तक का अधिकतम बीमा देने का भी प्रावधान है। इस केस में कर्मचारी का एक साल का पीएफ उसके खाते में जमा होना चाहिए। 6 लाख रुपये तक का बीमा लेने का वही कर्मचारी हकदार है जिसकी बेसिक वेतन 15000 रुपये है। यदि इससे कम है तो उसे अधिकतम 2.47 लाख रुपये तक का बीमा मिलेगा।

ऐसे करें आवेदन

अंशदाता की मौत के बाद नॉमिनी को पेंशन व बीमा के लिए ईपीएफओ कार्यालय से निर्धारित फार्म लेकर आवेदन करना होता है। इस फार्म के साथ अंशदाता के यूएएन खाता नंबर, डेथ सर्टीफिकेट, नॉमिनी को अपना आइडी प्रूफ साथ में अटैच करना होगा। जिसे नियोक्ता से सत्यापित करवाकर ईपीएफओ के कार्यालय में जमा कराना पड़ेगा। इसके अलावा नॉमिनी ईपीएफओ की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकता है।

एडवांस राशि लेने से नहीं पड़ता पेंशन पात्रता पर फर्क

ईपीएफओ के नियमों के अनुसार पेंशन लेने के लिए अंशधारक के पेंशन फंड में नौकरी के दौरान कम से कम दस वर्ष तक पैसा जमा होना जरूरी है। यदि कर्मचारी अंशधारक इस निर्धारित समयावधि के पूरा होने से पहले बीच-बीच में खाते से पूरा पैसा निकालता है तो उसकी पेंशन के लिए पात्रता नहीं बन पाती। वहीं यदि पीएफ खाते से पूरी राशि निकालने के बजाय जरूरत के वक्त एडवांस के रूप में राशि निकालने से उसकी पेंशन पात्रता अवधि पर असर नहीं पड़ता।

जागरूकता के अभाव में पेंशन फंड का भी निकलवाते हैं पैसा

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में रजिस्टर्ड किसी भी कर्मचारी के खाते में 24 प्रतिशत पीएफ जमा होता है। जिसमें 12 प्रतिशत कंपनी और शेष 12 प्रतिशत अंशदाता को देना होता है। इस 12 प्रतिशत में से 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में व 3.67 प्रतिशत पीएफ फंड में जमा होता है। जरूरत के वक्त पैसा निकालते हुए अनजाने में अंशदाता पेंशन फंड का भी पैसा निकलवा लेता है। ऐसा करने से भी पेंशन की पात्रता पूरी नहीं हो पाती।

फोटो---06 नंबर है।

वर्जन-

ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन के बाद अंशदाता का एक दिन भी पीएफ कटा है और उसकी मौत हो जाती है तो उसके आश्रित ईपीएफओ से आजीवन पेंशन लेने के हकदार हैं। निर्धारित नियमों के अनुसार ही पेंशन दी जाती है।

- रवि कांत, क्षेत्रीय आयुक्त, ईपीएफओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.