धान की सीधी बिजाई से जल बचाव के साथ किसानों को आर्थिक लाभ
बीएओ डा. राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि डीएसआर विधि से धान की बिजाई का उचित समय चल रहा है। धान की बिजाई करने वाले किसान डीएसआरवी को अपनाकर आधुनिक कृषि को बढ़ावा देकर अमूल्य जल की बचत कर सकते हैं। हमारे पीने योग्य मीठे पानी का मुख्य स्त्रोत भू=जल निरंतर नीचे खिसकता जा रहा है जिसे बचाने में किसान अहम भूमिका निभा सकता है। किसान धान की बजाए कृषि आधारित व पानी की कम खपत वाली खेती अपनाकर भू-जल बचाया जा सकता है।
संवाद सूत्र, निसिग : बीएओ डा. राधेश्याम गुप्ता ने कहा कि डीएसआर विधि से धान की बिजाई का उचित समय चल रहा है। धान की बिजाई करने वाले किसान डीएसआरवी को अपनाकर आधुनिक कृषि को बढ़ावा देकर अमूल्य जल की बचत कर सकते हैं। हमारे पीने योग्य मीठे पानी का मुख्य स्त्रोत भू=जल निरंतर नीचे खिसकता जा रहा है, जिसे बचाने में किसान अहम भूमिका निभा सकता है। किसान धान की बजाए कृषि आधारित व पानी की कम खपत वाली खेती अपनाकर भू-जल बचाया जा सकता है। गांव ब्रास के प्रगतिशील किसान गुरपेज सिंह, गोविदगढ़ निवासी प्रगतिशील किसान जितेंद्र सिंह बीते कई वर्षों से इस विधि से कृषि कर रहे हैं। धान के सीजन में बिजली, पानी व कृषि पर होने वाले अधिक खर्च को देखते हुए डीएसआर विधि को अपनाया जा रहा है। इस मौके पर मुख्तयार सिंह, रणदीप सिंह, दिलभाग सिंह, प्रदीप मौजूद थे।