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दिल के करीब होती है मातृभाषा: डॉ. सुनील

हिदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील दत्त ने कहा कि मातृभाषा वह भाषा होती है जिसे कोई भी व्यक्ति अपने दिल के करीब समझता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 05:19 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 05:19 AM (IST)
दिल के करीब होती है मातृभाषा: डॉ. सुनील

जागरण संवाददाता, करनाल :

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पंडित चिरंजीलाल शर्मा राजकीय महाविद्यालय में बृहस्पतिवार को मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। हिदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील दत्त ने कहा कि मातृभाषा वह भाषा होती है, जिसे कोई भी व्यक्ति अपने दिल के करीब समझता है। जितनी अच्छी तरह मातृभाषा में भावों की अभिव्यक्ति की जा सकती है, वह किसी अन्य भाषा में संभव नहीं है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा है कि प्राथमिक स्तर तक की शिक्षा मातृभाषा में ही होनी चाहिए। लेकिन आधुनिकता के दौर में हम अपने इस प्राकृतिक गुण को भूलते जा रहे हैं। इसीलिए मातृभाषा दिवस के मनाने का विशेष महत्व है। पंजाबी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. देविन्द्र बीबीपुरिया ने गीतों व गजलों के माध्यम से मातृभाषा के महत्व का उल्लेख किया। प्राचार्या डॉ. रेखा शर्मा ने मातृभाषा दिवस के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय के हिन्दी विभाग की अध्यक्ष डॉ. राजेश रानी समेत सभी स्टाफ सदस्यों को बधाई दी।

इस अवसर पर डॉ. राजेश रांझा, डॉ. अमरदीप, डॉ. श्रीभगवान, डॉ. गुरचरण, डॉ. सतबीर सिंह, डॉ. राजेश्वर लाठर, डॉ. चरण सिंह और डॉ. सोम सिंह मौजूद रहे।


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