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गुणवत्तापरक शोध से होती संस्थान की पहचान : डॉ. राधेश्याम शर्मा

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह-2019 आयोजित किया गया। इसमें सीडीएलयू के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. राधेश्याम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। संस्थान के निदेशक डॉ. पीसी शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 09:03 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 09:04 AM (IST)
गुणवत्तापरक शोध से होती संस्थान की पहचान : डॉ. राधेश्याम शर्मा
गुणवत्तापरक शोध से होती संस्थान की पहचान : डॉ. राधेश्याम शर्मा

जागरण संवाददाता, करनाल : केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान में राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह-2019 आयोजित किया गया। इसमें सीडीएलयू के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. राधेश्याम शर्मा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। संस्थान के निदेशक डॉ. पीसी शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि डॉ. राधेश्याम शर्मा ने संस्थान में सफाई व्यवस्था की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान की पहचान शोध कार्यों से होती है। शोध गुणवत्तापरक होनी चाहिए। हमें अपने-अपने क्षेत्र में मेहनत, लगन, प्रतिस्पर्धा एवं सहयोग से कार्य करना चाहिए। उन्होंने उत्पादकता संवर्धन पर जोर देते हुए इसके महत्व तथा राष्ट्र की प्रगति में इसके योगदान के बारे में विस्तार से चर्चा की। इससे कार्य समय पर अच्छी गुणवत्ता वाला होता है। हमारे देश में कार्य संस्कृति में कमी है। इसमें सुधार की महती आवश्यकता है। विद्यार्थी को सही दिशा व वातावरण मिले तो वह बहुत तरक्की कर सकते हैं। विश्व में भारतीय विद्यार्थी चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है। हमें अपने कार्य को जागरूक एवं समर्पित होकर कार्य करना चाहिए। इसमें सकारात्मक सोच का भी बहुत महत्व है।

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डॉ. अनिल कुमार अध्यक्ष, प्रौद्योगिकी मूल्यांकन एवं प्रसार प्रभाग ने चक्रीय अर्थव्यवस्था के बारे में बताया तथा मंच संचालन किया।


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