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क्या मिनी सेक्रेटेरिएट में जानवर आते हैं, जिन्हें रोकने के लिए एनिमन ट्रैप डोर लगा दिया

सरकारी भवनों में हर कोई आसानी से आ जा सके, इसके लिए रैंप बनाना जरूरी है और यदि ऐसा नहीं है, तो इसके लिए उस विभाग का अध्यक्ष जिम्मेदार होगा। अब मिनी सेक्रेटेरिएट के मुख्य गेट पर एनिमन ट्रैप डोर लगा दिया गया है। अब यह समझ से परे हैं कि यहां जानवर आते हैं या इंसान।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 01:22 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 01:22 AM (IST)
क्या मिनी सेक्रेटेरिएट में जानवर आते हैं, जिन्हें रोकने के लिए एनिमन ट्रैप डोर लगा दिया
क्या मिनी सेक्रेटेरिएट में जानवर आते हैं, जिन्हें रोकने के लिए एनिमन ट्रैप डोर लगा दिया

जागरण संवाददाता करनाल : सरकारी भवनों में हर कोई आसानी से आ जा सके, इसके लिए रैंप बनाना जरूरी है और यदि ऐसा नहीं है, तो इसके लिए उस विभाग का अध्यक्ष जिम्मेदार होगा। अब मिनी सेक्रेटेरिएट के मुख्य गेट पर एनिमन ट्रैप डोर लगा दिया गया है। अब यह समझ से परे हैं कि यहां जानवर आते हैं या इंसान। कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पुनिया ने आरोप लगाया कि यहां प्रशासन इंसान को जानवरों के बराबर समझ रहा है, यहीं वजह है कि यहां गेट पर इस तरह की व्यवस्था की गई है। अब गेट पार करते वक्त यदि कोई जरा सा चूक गया तो उसका पांव ग्रिल में फंस जाता है। इसे निकालने के लिए मैकेनिक बुलाना पड़ता है। इस तरह के वाकये यहां लगातार हो रहे हैं।

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एसडीएम नरेंद्र पाल मलिक ने बताया कि मिनी सेक्रेटेरिएट के रखरखाव की जिम्मेदारी तो सीटीएम की होती है। अलबत्ता उन्होंने बताया कि गेट पर जो ग्रिल टाइप ट्रैप लगाया गया, यह पीडब्ल्यूडी ने लगाया होगा।

आधे घंटे तक कराहती रही महिला

सोमवार को शिक्षा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के सदस्य ज्ञापन सौंपने के लिए मिनी सेक्रेटेरिएट पहुंचे। यहां एक महिला प्रदर्शनकारी का पांव उस ग्रिल में फंस गया। आधे घंटे तक वह महिला दर्द से कराहती रही। पहले तो उसने साथियों के साथ मिलकर पांव को निकालने की कोशिश की। उसमें उसकी चमड़ी छील गई, लेकिन पांव बाहर नहीं निकल पाया। आखिरकार जब महिला की हिम्मत जवाब दे गई तो मैकेनिकल बुलाया गया। क्या डीसी लेंगे इसकी जिम्मेदारी

अब मैकेनिक बुलाया गया, लेकिन वह भी पांव नहीं निकला पाया। आखिर में तय किया गया कटर से ग्रिल काटी जाए। इसके लिए एक कटर मंगाया गया। प्रदर्शनकारी मुकेश ने बताया कि कटर से ग्रिल काटने में दिक्कत यह आई कि महिला की टांग पर पतंगे लग रहे थे। न तो प्रशासन की ओर से यहां कोई डॉक्टर बुलाया गया, न ऐसा इंतजाम किया गया कि ग्रिल क¨टग के दौरान महिला को दर्द कम हो। आखिर में कपड़ा डाल कर ग्रिल काटी गई। तब महिला का पांव बाहर निकला। प्रदर्शकारियों ने कहा कि क्योंकि डीसी यहां के मुखिया है, इसलिए क्या वे इसकी जिम्मेदारी लेंगे।


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