डिस्ट्रेस राशन वितरण सर्वे में गड़बड़ी, अमीरों को टोकन, जरूरतमंद खा रहे धक्के
डिस्ट्रैस राशन वितरण सर्वे में गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिला प्रशासन की नजरअंदाजी के कारण जरूरतमंद परिवारों को अब धक्के खाने पड़ रहे हैं। गांव एैबला की महिलाओं का आरोप है कि सर्वे लिस्ट में अमीरों का नाम शामिल किया गया है जबकि गरीब दिखाई नहीं पड़ रहा है। तालाबंदी में कामकाज पहले ही ठप है और अब प्रशासन की अनदेखी के कारण भूखे सोने की नौबत आ गई है।
संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी : डिस्ट्रैस राशन वितरण सर्वे में गड़बड़ी से इंकार नहीं किया जा सकता है। जिला प्रशासन की नजरअंदाजी के कारण जरूरतमंद परिवारों को अब धक्के खाने पड़ रहे हैं। गांव एैबला की महिलाओं का आरोप है कि सर्वे लिस्ट में अमीरों का नाम शामिल किया गया है, जबकि गरीब दिखाई नहीं पड़ रहा है। तालाबंदी में कामकाज पहले ही ठप है और अब प्रशासन की अनदेखी के कारण भूखे सोने की नौबत आ गई है। मिलीभगत के खेल में सर्वे के दौरान दिहाड़ीदार व जरूरतमंद लोगों के घर के बारे में पूछताछ भी नहीं की गई है। सर्वे में गड़बड़ी के विरोध में गांव से 25 महिलाएं डिस्ट्रैस राशन टोकन में अपना नाम लिखवाने के लिए 15 किलोमीटर पैदल चलकर नीलोखेड़ी तहसील पहुंची। महिलाओं का आरोप है कि बेटियों की चिता करने वाले सत्ताधारियों के शासन में धांधली की सुनवाई भी नहीं हो रही है और खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
गांव एैबला पंच रेखा देवी, सुषमा देवी, पंच परमजीत कौर, उर्मिल देवी का आरोप है कि गांव में अच्छे घरों के मालिकों का डिस्ट्रैस राशन टोकन बना दिया लेकिन दिहाड़ी करने वाले मजदूरों व जरूरतमंद लोगों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया। बुधवार को समाजसेविका अविनाश कौर की अगुवाई में गांव ऐबला की करीब 25 महिलाएं पैदल 15 किलोमीटर सफर तय कर तहसील कार्यालय पहुंची, लेकिन अधिकारी न मिलने के कारण बैरंग लौटा दिया गया। कमलेश रानी, जीरो देवी, राज रानी, कान्ता, सुनीता देवी, अंगूरी देवी, गुरनामी देवी ने बताया कि उनके घर में दिहाड़ी मजदूरी कर के अपने परिवार का गुजारा करते हैं और उनका एपीएल (हरा) राशन कार्ड बना हुआ है। डिस्ट्रैस राशन टोकन सर्वे के दौरान कोई भी उनके घर पर सर्वे नहीं करने आया। केवल अमीरों का राशन टोकन बनाकर उनको राशन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मजदूरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। मिलीभगत के चलते सर्वे में जरूरतमंदों को दरकिनार कर दिया गया है। इस संबंध में अतिरिक्त उपायुक्त अनिश यादव ने बताया कि डिस्ट्रैस राशन वितरण केवल जरूरतमंद परिवारों के लिए है। अगर किसी क्षेत्र में सर्वे के दौरान गड़बड़ी पाई जाती है तो जांच करवाई जाएगी। विशेष है कि संकट की घड़ी में अगर कोई अमीर व्यक्ति गरीबों का राशन प्राप्त करता है तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।