सोशल मीडिया का इस्तेमाल सावधानी से करें
सोशल मीडिया और अपराध पर आयोजित कार्यक्रम के समापन सत्र में डीजीपी मनोज यादव बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे।
जागरण संवाददाता, करनाल : साइबर अपराध और साइबर अपराध जागरूकता विषय पर न्यायिक अधिकारियों तथा लोक अभियोजकों के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बुधवार को समापन हो गया। जिसमें मुख्य अतिथि डीजीपी मनोज यादव पहुंचे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 20 न्यायिक अधिकारियों तथा लोक अभियोजकों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि मनोज यादव ने कहा कि हमारे द्वारा प्रयोग किया जाने वाले सोशल मीडिया सुरक्षित नहीं है। रोशनदान की तरह है जो हमारे निजी जीवन में देख सकता है। सोशल मीडिया पर जो पोस्ट डाली जाती है वह डाटा सर्वर पर हमेशा के लिए सेव हो जाता है जिसे कभी भी कहीं भी प्रयोग किया जा सकता है। विदेशों में जाने के लिए संभव हो सकता है कि वीजा देने से पहले नागरिक की सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी का सहारा लिया जाए। साइबर अपराधी मोबाइल फोन पर एक मैसेज के माध्यम से पूरे डाटा को हैक कर सकते है, इस प्रकार डाटा का दुरूपयोग संभव है। वर्तमान समय में हम सोशल मीडिया पर ही निर्भर हो गए हैं। हमें अपने बच्चों के जीवन में सोशल मीडिया इस्तेमाल को सीमित करना होगा। बच्चों के सोशल मीडिया प्रयोग पर अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए तथा उन्हें इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों के बारे में जानकारी भी देनी चाहिए।
डीजीपी यादव ने कहा कि आधुनिक समय में तकनीक का तेजी से विकास हो रहा है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से नई तकनीकों का प्रयोग तथा उनके फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी मिलती है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से न्याय व्यवस्था में मदद मिलेगी। हमें परस्पर सामाजिक क्रियाकलापों में भागीदारी बढ़ानी होगी। सोशल मीडिया से बढ़ते अपराधों पर विशेषरूप से नजर रखनी होगी। अकादमी के निदेशक एडीजीपी आलोक रॉय ने मुख्य अतिथि का आभार प्रकट किया तथा मुख्य अतिथि को अकादमी की ओर से स्मृति चिह्न भी भेंट किया। अकादमी के ट्रेनिग एडवाइजर एवं पूर्व आइजी सतप्रकाश रंगा ने मुख्य अतिथि तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस अवसर पर मंच संचालन उप निरीक्षक रामकुमार ने किया।