कोरोना के 37 मामले आने पर डेरा हलवाना गांव सील, रैपिड एक्शन टीम का गठन
कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। शहर के मुकाबलों गांवों में कोरोना के केस लगातार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इंद्री के डेरा हलवाना गांव में खांसी-बुखार की शिकायत के चलते 37 कोरोना के मामले सामने आने पर प्रशासन की ओर से गांव को सील कर दिया गया है। साथ ही रैपिड एक्शन टीम का गठन कर चिकित्सकों ने गांव में डेरा डाल दिया है।
जागरण संवाददाता, करनाल : कोरोना संक्रमण और ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। शहर के मुकाबलों गांवों में कोरोना के केस लगातार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इंद्री के डेरा हलवाना गांव में खांसी-बुखार की शिकायत के चलते 37 कोरोना के मामले सामने आने पर प्रशासन की ओर से गांव को सील कर दिया गया है। साथ ही रैपिड एक्शन टीम का गठन कर चिकित्सकों ने गांव में डेरा डाल दिया है। इधर, कल्पना चावला मेडिकल कालेज अस्पताल में ब्लैक फंगस के सात नए मामलों की पुष्टि हुई है। जिले में रविवार को कोरोना से 199 लोग संक्रमित हुए हैं जबकि चार मौत बताई जा रही है। कल्पना चावला मेडिकल कालेज अस्पताल के निदेशक डा. जगदीश दुरेजा ने बताया कि ब्लैक फंगस के सात नए मामले सामने आए हैं जबकि 36 आशंकितों के नमूने भेजे गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं उपलब्ध करवाने के चलते अस्पताल में गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। घटते संक्रमण के मामलों के बावजूद बचाव के लिए शारीरिक दूरी और मास्क जरूरी की पालना से ही सुरक्षा है।
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448 मरीज ठीक होकर घर लौटे, 199 लोग संक्रमित
रविवार को कोरोना से पीड़ित 448 मरीज ठीक होकर घर गए हैं, जबकि 199 लोग संक्रमित हुए हैं। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने सिविल सर्जन की रिपोर्ट के अनुसार बताया कि जिला में कोरोना वायरस से संक्रमित अब तक लिए गए 351982 में से 314486 सैम्पलों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है। जिले में अब तक 38137 पॉजिटिव केस सामने आए थे जिनमें से 34994 मरीज ठीक होकर घर चले गए। जिला का पॉजिटिविटी रेट 8.50 फीसद, रिकवरी रेट 91.75 फीसद, मृत्यु दर 1.22 फीसद है। उपायुक्त ने बताया कि जिला में रविवार को 448 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए हैं और चार मौत हुई हैं। रविवार को कोरोना से संक्रमित 199 नए केस सामने आए है। अब तक 467 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। इस प्रकार जिला में कोरोना वायरस के 2676 एक्टिव केस है।
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डेरा हलवाना गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डाला डेरा, कंटोनमेंट जोन घोषित
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संवाद सत्र, इंद्री/गढ़ी बीरबल : उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते डेरा हलवाना गांव में कोरोना संक्रमण फैलने से 38 केस कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जिसके बाद गांव में उच्चाधिकारियों की टीम पहुंची और कंटोनमेंट जोन घोषित कर गांव को तुरंत सील कर दिया गया। विभाग के अनुसार गांव में कोरोना संक्रमण के फैलने का मुख्य कारण यहां के लोगों का काम के सिलसिले में यूपी, बिहार, बुलंद शहर व पंजाब आदि प्रदेशों में जाना माना जा रहा है और दूसरा यह उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा गांव हैं इसलिए यहां संक्रमण ज्यादा फैला है। गांव में सैंपलिग टीम ने 181 आरटीपीसीआर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे थे। रिपोर्ट में 38 केस पॉजिटिव मिले। गंभीरता को देखते हुए विभाग ने रैपिड एक्शन टीम का गठन कर दिया जिसमें उप-सिविल सर्जन करनाल डा. मंजू पाठक, एसएमओ, एसएमओ डा. संदीप अबरोल, डा. अमन शामिल हैं और गांव में सैंपलिग व सर्वे का काम शुरु कर दिया गया है। यह गांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ब्याना के अधीन आता है।
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ग्रामीणों में खांसी व बुखार की शिकायत
पीएचसी इंजार्च अनुज कांबोज ने कहा कि ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि डेरा हलवाना गांव में अनेक ग्रामीण खांसी और बुखार से पीड़ित हैं। 21 मई को 181 आरटीपीसीआर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। रिपोर्ट में गांव की 18 महिलाएं व 20 पुरुष कोरोना संक्रमित मिले जिनको होम आइसोलेट कर दिया है। विभाग द्वारा संक्रमितों को किट वितरित की जा रही है। किट में दवाइयों के अलावा पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, स्टीमर हैं। गांव के ज्यातातर गरीब परिवार है और कईयों के पास रहने की दिक्कत है इसलिए गांव में 16 बेड का आइसोलेशन सेंटर बना दिया है ताकि मरीजों को शिफ्ट किया जा सके।
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घर-घर की जा रही सैंपलिग : डा. गौरव
डयूटी मजिस्ट्रेट एसडीओ गौरव भारद्वाज के अनुसार गांव के निरंकारी भवन में आइसोलेशन सेंटर बना दिया गया है। घर-घर सैंपलिग चल रही है। कोरोना से बचाव के लिए घर पर ही रहे। हर प्रकार से गांव में कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कोशिश कर रहे हैं। ग्रामीणों को डरने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है। सभी मिलकर महामारी से छुटकारा पा लेंगे। एसएमओ डा. संदीप अबरोल ने कहा कि डेरा हलवाना गांव को कंटोनमेंट जोन बना दिया गया है। 37 केस पॉजिटिव आने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर गांव को सील कर दिया है। अब टीम वहां घर-घर सर्वे कर रही है। गांव में बड़ी संख्या में ऐसे परिवार हैं जिनके पास रहने की दिक्कत है इसलिए गांव में आइसोलेशन सेंटर बना दिया है। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे गांव के लोगों की आवाजाही रहती है। काम के सिलसिले में यहां के लोग यूपी, बिहार, बुलंद शहर व पंजाब आदि प्रदेशों में जाते रहते हैं। ऐसे में इंफेक्शन फैलने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कुंजपुरा क्षेत्र के नसीरपुर टीला गांव में भी कई केस मिले हैं जिसके बाद गांव को कंटोनमेंट जोन बनाने के लिए लिखा गया है।
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लापरवाह लोगों के लिए रात को सड़कों पर पुलिस का पहरा
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संवाद सहयोगी, तरावड़ी : लॉकडाउन जैसी स्थिति में कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन लगातार ड्यूटी के साथ-साथ दायित्व निभा रहा है। लापरवाह लोगों पर पुलिस प्रशासन द्वारा शिकंजा कसा जाता है। एक तरफ जहां सुबह से लेकर शाम तक पुलिस लगातार शहर में गश्त करते हुए लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना करने वाले लोगों पर कार्रवाई करती हैं वहीं अब रात को भी लापरवाह लोगों के लिए सड़कों पर पुलिस का पहरा रहेगा। बीती रात थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलबीर कौर ने लापरवाह लोगों पर शिकंजा कसते हुए कई लोगों को बिना मास्क के आने-जाने के कारण चालान थमाकर जुर्माना वसूला, बल्कि जो लोग बेवजह सड़कों पर घूम रहे थे, ऐसे लापरवाह लोगों को सख्त चेतावनी भी दी।