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खतरा अभी बरकरार, भारी पड़ सकती है लापरवाही

पवन शर्मा करनाल कोरोना से जंग में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग और आयुर्वेदिक पद्धति

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 08:53 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 08:53 AM (IST)
खतरा अभी बरकरार, भारी पड़ सकती है लापरवाही

पवन शर्मा, करनाल

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कोरोना से जंग में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में योग और आयुर्वेदिक पद्धति से कारगर मदद मिल रही है। सुविख्यात योग गुरु स्वामी संपूर्णानंद का मानना है कि नियमित योग और संतुलित आहार के साथ आयुर्वेद की राह अपनाकर कोरोना को हराना बखूबी संभव है। उनका दो टूक कहना है कि अभी खतरा टला नहीं है, इसलिए न तो हिदायतों के अनुपालन में किसी किस्म की कोताही बरतें और न ही जीवन चर्या में असंतुलन आने दें अन्यथा यह लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है। इस संदर्भ में विशेष चर्चा में स्वामी संपूर्णानंद ने बताया कि योग एवं आयुर्वेद में अद्भुत शक्ति है, जो कोरोना को मात दे सकती है। योग का वर्णन शास्त्रों और पुराणों में भी मिलता है। आयुर्वेद का महत्व भी बहुआयामी है। ये प्राचीन-अर्वाचीन विधाएं हैं, जिन्हें अपनाकर आरोग्यता ही नहीं, दीर्घायु भी प्राप्त की जा सकती है। नियमित रूप से करें आसन

स्वामी संपूर्णानंद ने बताया कि प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभांति और मंडूक आसन सरीखी क्रियाएं तो नियमित रूप से करनी चाहिए। शरीर में रक्त संचारण व ऊर्जा का संतुलित प्रवाह बेहद आवश्यक है। शारीरिक संतुलन के लिए कैलोरी भी बर्न होनी चाहिए। योग मुद्राएं इसी में सहायक हैं। शुगर व बीपी की समस्या में प्राणायाम, कपालभांति, अनुलोम विलोम व मंडूक आसन से लाभ मिलेगा। शुगर के क्रोनिक रोगियों को मंडूक आसन अवश्य करना चाहिए। पेनक्रियाज रोगियों को भी इससे लाभ होगा। पवन मुक्त आसन, व्रजासन और उत्तानपाद सरीखी क्रियाएं भी बहुपयोगी हैं। लेटकर पैर उठाएं और वात न बनने दें। योग का कोई दुष्प्रभाव नहीं

योग गुरु ने कहा कि योग की अद्भुत शक्ति का त्वरित लाभ मिलता है। कोई दुष्प्रभाव नहीं है। जो लोग नियमित योग नहीं करते थे, अचानक कुछ समय तक ऐसा करने पर देखते ही देखते उनके डब्ल्यूबीसी यानि श्वेत रक्त कणों में वृद्धि हो गई। सकारात्मक ²ष्टिकोण जरूरी है। ओम के स्वर के साथ प्राणायाम, कपालभांति, अनुलोम विलोम करने से तनाव मिटता है। खुद को हंसाते रहें और दूसरों को भी उदास न रहने दें। काढ़े का संतुलित उपयोग बेहतर

योग क्रियाओं के साथ बेहतर परिणाम के लिए गर्म पानी और काढ़ा पीने के भी लाभ हैं। लेकिन इसके लिए पहले सलाह लेना बेहतर होगा क्योंकि मात्रा बढ़ाने या एकाएक कम करने से दिक्कत भी हो सकती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इनसे मदद मिलती है। ह्रदय रोगी अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं और इसमें लौंग भी डाल दें तो अच्छा रहेगा। ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझने वाले लौकी का जूस पीएं। शुगर रोगियों को गिलोय का काढ़ा पीना चाहिए। करेला भी खाएं। खीरा, टमाटर व अन्य सलाद सबको लेना चाहिए। दूध में हल्दी का सेवन भी कर सकते हैं। खुद को जानबूझकर खतरे में न डालें

स्वामी संपूर्णानंद ने जोर देकर कहा कि अभी खतरा कायम है, लिहाजा अनिवार्य कार्य को छोड़कर शेष समय या तो घर पर ही बिताएं अथवा बाहर रहकर भी इम्युनिटी का भरपूर ख्याल रखें। मास्क लगाने, सैनिटाइजेशन और अन्य हिदायतों को लेकर किसी प्रकार की असावधानी न बरतें। कामगार, मजदूर खुद को फिट रखें। यकीनन, अर्थव्यवस्था का ध्यान रखना आवश्यक है मगर सबकी स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ। गरीबों, जरूरतमंदों की सेवा को संकल्प के रूप में अपनाएं और इस पर पूरी संवेदनशीलता से अमल भी करें।


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