Move to Jagran APP

छह कनाल जमीन पर विवाद, ग्रामीणों ने की पंचायत

संवाद सहयोगी, घरौंडा : नेशनल हाईवे नंबर 44 से लगती पंचायत की करीब छह कनाल भूमि एक बार

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 01:50 AM (IST)
छह कनाल जमीन पर विवाद, ग्रामीणों ने की पंचायत
छह कनाल जमीन पर विवाद, ग्रामीणों ने की पंचायत

संवाद सहयोगी, घरौंडा : नेशनल हाईवे नंबर 44 से लगती पंचायत की करीब छह कनाल भूमि एक बार फिर विवादों में घिर गई है। करीब छह दशक पूर्व औद्योगिक प्रशिक्षक संस्थान (आइटीआइ) के लिए कोहंड पंचायत की ओर से सरकार को दी गई थी। वर्षो तक इस जमीन पर आइटीआइ का निर्माण तो नहीं हो सका, लेकिन यह बेशकीमती जमीन भूमाफियाओं की नजरों में हमेशा खटकती रही। जमीन के लिए उभरे विवाद के बाद ग्रामीणों ने इस भूमि को कुछ लोगों ने चालबाजी कर हड़पने का आरोप लगाया है। इसको लेकर कोहंड विवादित भूमि पर ग्रामीणों की एक पंचायत हुई। इसमें कमेटी का गठन कर जमीन का छुड़वाने के लिए कानूनी प्रक्रिया अमल में लाने का फैसला लिया है।

loksabha election banner

कोहंड जीटी रोड स्थित आइटीआइ ग्राउंड में समाजसेवी केमपाल गोस्वामी की अध्यक्षता में पंचायत हुई।

पूर्व सरपंच शेरपाल, बलराम, रामकिशन, धनपत, जयनारायण, रमेश व अन्य ने बताया कि वर्ष 1962 में जीटी रोड पर कोहंड बस अड्डे के पास पड़ी करीब 35 कनाल खाली जमीन को पंचायत ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान लगाने के लिए हरियाणा सरकार को दी थी, लेकिन किसी कारणवश यहां पर आइटीआइ नहीं बन पाई, तो पंचायत ने जमीन वापिस लेने के लिए सरकार से गुहार लगाई थी और काफी जिद्दोजहद के बाद सरकार ने वर्ष 1992-93 में तत्कालीन सरकार ने करीब 13 कनाल कुछ मरले पंचायत को वापस दे दी थी। लेकिन पूरी जमीन लेने के लिए ग्राम पंचायत लगातार संघर्ष कर रही है। वर्तमान भाजपा सरकार ने 14 कनाल भूमि ग्राम पंचायत को दे दी और बाकी बची छह कनाल चार मरले जमीन, जिस पर पूर्व में ही उद्योग विभाग ने किन्हीं प्रभावशाली व्यक्तियों को किराय पर दे दिया था। उन किरायदारों ने इस जमीन पर बैंक से लोन ले लिया था। डिफाल्टर होने के बाद बैंक ने इस जमीन की बोली कर दी और कुछ अन्य लोगों ने इस जमीन को बोली पर छुड़ा लिया।

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत द्वारा दी गई इस जमीन पर आइटीआइ बननी थी, लेकिन वह नहीं बन पाई और कानून 15 साल के बाद पूरी जमीन पंचायत के हवाले चली जानी थी, लेकिन कुछ लोगों ने धोखाधड़ी से जमीन को अपने नाम करा लिया और बाद में इस जगह को कुछ अन्य व्यक्तियों को बेच दिया। रविवार को विवादित भूमि में हुई पंचायत में फैसला लिया गया कि इस जमीन विवाद को सुलझाने के लिए सरकार से बातचीत की जाएगी। इसके लिए सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया और कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.