चुनावी इतिहास को दोहरा रही है काग्रेस
करनाल संसदीय क्षेत्र में काग्रेस का चुनावी इतिहास यह बात याद दिलाता है कि नामाकन शुरू होने के बाद ही पार्टी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारती है।
मनोज ठाकुर, करनाल
करनाल संसदीय क्षेत्र में काग्रेस का चुनावी इतिहास यह बात याद दिलाता है कि नामाकन शुरू होने के बाद ही पार्टी अपना प्रत्याशी मैदान में उतारती है। काग्रेस तो अपने चुनावी इतिहास के अनुसार ही काम कर रही है, लेकिन जेजेपी व आप गठबंधन की बातचीत की वजह से प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही है। तीनों दलों के गठबंधन को लेकर चल रही गंभीर गुफ्तगू के बीच भाजपा प्रत्याशी संजय भाटिया अपने चुनाव प्रचार को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। गठबंधन हो या नहीं हो, दोनों ही सूरत में इन दलों को अपने चुनाव प्रचार को भाजपा की स्थिति में ले जाने के लिए खासी मेहनत करनी होगी।
अरविंद शर्मा भी अंतिम क्षणों में लेकर आए थे टिकट
2004 में भी काग्रेस ने टिकट की घोषणा में समय लगा दिया था। उस समय टिकट की दावेदारी में कई नेता शामिल थे। टिकट वितरण को लेकर कई दिनों तक मंथन चलता रहा था। नामाकन भी शुरू हो गया था, लेकिन टिकट घोषित नहीं हुआ था। नामाकन के आखिरी दिनों के समीप ही डॉ. अरविंद शर्मा को टिकट दिया गया था। लिहाजा पार्टी के लिए यह कोई नई बात नहीं है कि नामाकन शुरू होने के बाद प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया गया हो।
गठबंधन होने की उम्मीद अभी कायम
दिल्ली में पिछले कई दिनों से काग्रेस, जेजेपी और आप के बीच में गठबंधन को लेकर चर्चा चल रही है। सूत्र बताते हैं गठबंधन को लेकर लगभग सहमती बन चुकी है, लेकिन बात अभी सीट बंटवारे पर अड़ी हुई है। यदि सबकुछ ठीक रहा तो एक या दो दिन में गठबंधन के ऐलान के साथ ही प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर दिए जाएंगे। क्योंकि गठबंधन ने प्रत्येक सीट अनुसार प्रत्याशियों के नाम लगभग फाइनल किए हुए हैं। यदि किसी वजह से गठबंधन की बात सिरे नहीं भी चढ़ पाती है तो भी तीनों दलों ने अपने अपने स्तर पर भी प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दिया हुआ है।
काग्रेस, जेजेपी व आप का प्रत्याशी आने के बाद ही आएगी रंगत
इन तीनों दलों का गठबंधन होता या नहीं होता, लेकिन इन तीनों दलों के प्रत्याशी मैदान में आने के बाद ही चुनावी रंगत आएगी। गठबंधन होने की स्थिति में एक ही प्रत्याशी आएगी। बहरहाल नामाकन की अंतिम तिथि 23 अप्रैल है। इस तिथि से पहले ही प्रत्याशियों की स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी और चुनाव चरम की ओर बढ़ने लगेगा।