अप्रैल से फाइल में दबी शिकायत, मानसून में नाला ओवरफ्लो, बढ़ा रहा परेशानी
लोग मजबूर होकर अब सीएम विडो में शिकायत देने की कर रहे तैयारी पोल्ट्री एरिया वार्ड नंबर पांच में नाला ओवरफ्लो होने के कारण घरों में घुस रहा पानी
संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी : एक शिकायत का समाधान कब तक हो, क्या इसकी कोई समय सीमा निर्धारित है? यह सवाल हर उस पीड़ित के जेहन में होता है, जो अपनी शिकायत लेकर अधिकारियों के चक्कर लगाता है। ऐसा ही उदाहरण नीलोखेड़ी के वार्ड नंबर पांच के लोगों का है। इस वार्ड में ओवरफ्लो नाले की शिकायत 17 अप्रैल को नीलोखेड़ी पालिका के सचिव के नाम दी गई। कुछ समय तक तो लोगों ने फॉलोअप किया लेकिन धीरे-धीरे यह फाइल में दब गई। मानसून आया तो तीन माह बाद फिर शिकायत लोगों को याद आई। सरकारी तंत्र की विडबंना देखिये कि जिस सचिव के नाम शिकायत दी गई, वह पहले बताते हैं कि इस बारे में जानकारी नहीं है। फिर उन्हें पूछा गया तो समाधान के बजाय तर्क देने लगे। परेशान लोग अब सीएम विडो में शिकायत देने जा रहे हैं। इससे अच्छा तो पहले बनी नालियां थीं
रविद्र, ताराचंद, वेद, रमेश कुमार व राजेंद्र ने बताया कि नाले से पहले छोटी नालियां थी, लेकिन तब जलभराव की शिकायत नहीं थी। बड़ा नाला बना दिया तो ओवरफ्लो की शिकायतें शुरू हो गईं। इससे तो छोटी नालियां ठीक थीं। थोड़ी बरसात में ही नाला ओवरफ्लो हो जाता है। सारा मलबा सड़क पर आने से बदबू फैलती है। मच्छरों की भरमार व बीमारी फैलने का खतरा है। नाला गहरा व खुला होने से बच्चों के गिरने का खतरा रहता है। नाले का पानी घरों की नींव में रिस रहा है। पालिका सचिव देवेंद्र नरवाल ने कहा कि पहले यहां कच्चा नाला था। खुले में पानी बहता था। एनजीटी के आदेशों के कारण इसे पक्का व कवर कर दिया गया। इसे एसटीपी से जोड़ा गया है। पानी के दबाव के हिसाब से प्लांट क्षमता कम है। वार्ड पांच में जलभराव की समस्या नहीं है, धीरे-धीरे पानी उतरता है। फिर भी चेक करा रहे हैं। एमई को भेजा गया है।