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कमिश्नर का दावा : हड़ताल के बाद भी शहर में कचरा नहीं, हम दिन रात जुटे हैं शहर की हकीकत : एक हजार टन से अधिक कचरा जमा, सड़कों पर आई गंदगी

नंबर गेम 140 टन कचरा रोजाना उगलते हैं 20 वार्ड 30 से 33 टन मुश्किल से पहुंच रहा प्लांट

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 12:52 AM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 12:52 AM (IST)
कमिश्नर का दावा : हड़ताल के बाद भी शहर में कचरा नहीं, हम दिन रात जुटे हैं 
शहर की हकीकत : एक हजार टन से अधिक कचरा जमा, सड़कों पर आई गंदगी
कमिश्नर का दावा : हड़ताल के बाद भी शहर में कचरा नहीं, हम दिन रात जुटे हैं शहर की हकीकत : एक हजार टन से अधिक कचरा जमा, सड़कों पर आई गंदगी

नंबर गेम

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140 टन कचरा रोजाना उगलते हैं 20 वार्ड

30 से 33 टन मुश्किल से पहुंच रहा प्लांट में

107 टन रोजाना बढ़ रही मात्रा

जागरण संवाददाता, करनाल : स्मार्ट सिटी के 20 वार्डो से रोजाना 140 टन कचरा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में पहुंचता था। अब जा रहा है 30 से 33 टन प्रतिदिन। यानि 10 दिन में करनाल में एक हजार टन से अधिक कचरा जमा हो चुका है। बावजूद इसके अधिकारी इसे मानने को तैयार नहीं हैं। निगम कमिश्नर का दावा कि इतनी लंबी हड़ताल के बाद भी शहर में कचरा नहीं है। हम दिन रात जुटे हैं। कहीं कचरा हो तो हमें बताओ। फिलहाल हालात ठीक-ठाक हैं।

जागरण ने शहर की हकीकत जानने के लिए सर्वे किया तो सामने आया कि उत्तर भारत का सबसे स्वच्छ शहर धीरे-धीरे कचरे के ढेर में तब्दील हो रहा है। उठान नहीं होने से डं¨पग प्वाइंट भी फुल हो गए। अब कचरा सड़कों तक फैल गया है। हड़ताल के 10वें दिन शुक्रवार को भी कर्मचारी काम पर नहीं लौटे। पहले ही अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर चुके हैं। यानि आगामी दिनों में भी राहत की उम्मीद कम है। यह हाल तब है जब निगम के शहर को तीन जोन में बांटकर 22 करोड़ रुपये सालाना में ठेका दे रखा है। इसके अलावा नाइट स्वी¨पग का टेंडर अलग से है।

217 नियमित कर्मचारी, 202 हड़ताल पर

चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर महावीर सोढ़ी ने बताया कि निगम में 217 नियमित सफाई कर्मचारियों में से 202 हड़ताल पर हैं। अनुबंध पर 162 व 20 ग्रामीण कर्मचारियों में से 178 काम पर नहीं लौट रहे। तीनों जोन में ठेकेदारों के 824 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 312 स्ट्राइक पर चल रहे हैं। ठेकेदार के 512 कर्मचारियों के साथ शहर में सफाई जारी है। इसके अलावा ठेकेदारों ने कुछ नये कर्मचारी भी हड़ताल के दौरान भर्ती किए हैं।

10वें दिन पुलिस के साथ शहर की सफाई का प्रयास

हालात बिगड़ते देख शुक्रवार को 10वें दिन शाम को निगम कमिश्नर मैदान में उतरे। निगम के अमले के साथ कैथल पुल के नीचे बने डं¨पग प्वाइंट पर पहुंचे। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए 20 पुलिसकर्मियों की टीम भी साथ रही। जोन तीन के जो सफाई कर्मचारी हड़ताल पर नहीं गए उन्होंने कचरे को उठाया। जितना कचरा यह कर्मचारी एक दिन में उठाएंगे उससे कई गुना रोजाना फिर से जमा हो जाएगा। यानि जब तक हड़ताल समाप्त नहीं हो जाती हालात में सुधार मुश्किल है।

पहले से पता था फिर भी विकल्प तलाशने में देरी

सफाई कर्मचारियों ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान पहले ही कर दिया था। मांग पूरी नहीं होने पर इसे आगे बढ़ाने की चेतावनी भी शुरुआत से ही दी जा रही थी। इसलिए निगम के अफसरों की जिम्मेदारी बनती थी कि वह पहले ही अन्य विकल्प तलाश लेते। ताकि हड़ताल लंबी होने पर परेशानी से कुछ हद तक बच जाते। शहर निवासी राजेश, मुस्कान, जितेंद्र, प्रदीप व सुमन ने कहा कि निगम ऐसी व्यवस्था बनाने में पूरी तरह से फेल रहा है।

हमें बताएं तो शहर में कचरा है कहां : राजीव

निगम कमिश्नर राजीव मेहता का दावा है कि शहर में कचरा नहीं है। कहा कि आप हमें बताएं कि शहर में कचरा है कहां? हम तो दिन रात जुटे हैं।


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