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छठ पूजा : दो जेसीबी, 21 मजदूर, फिर भी गंदगी

फ्लैग: कैसी तैयारी : सीएम के निर्देश की यूं हो रही पालना, श्रद्धालुओं को साफ पानी मिलना भी

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 01:07 AM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 01:07 AM (IST)
छठ पूजा : दो जेसीबी, 21 मजदूर, फिर भी गंदगी

फ्लैग: कैसी तैयारी : सीएम के निर्देश की यूं हो रही पालना, श्रद्धालुओं को साफ पानी मिलना भी मुश्किल जागरण संवाददाता, करनाल

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सीएम मनोहर लाल ने प्रदेशभर में छठ पूजा के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दे रखे हैं। उन्हींके विधानसभा क्षेत्र में इन निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। छठ पूजा का स्नान और संध्या अ‌र्घ्य मंगलवार को है, इस कार्यक्रम में सीएम ने भी आना है। इसके बावजूद प्रशासन पश्चिम यमुना नहर के डेढ़ किलोमीटर लंबे किनारे को साफ नहीं कर पाया। सफाई के नाम पर केवल औपचारिकता की जा रही है। दावा तो यह किया जा रहा है कि यहां 21 मजदूर और दो जेसीबी लगी है, लेकिन यहां जमा गंदगी दावों को गलत साबित करने के लिए काफी है। काछवा पुल से लेकर कैथल पुल तक दोनों तरफ डेढ़ किलोमीटर क्षेत्र में मेला लगता है। हर साल एक लाख श्रद्धालु यहां सूर्यदेव को अ‌र्घ्य देने के अलावा पर्व की अन्य रस्में अदा करने के लिए यहां आते हैं। अव्यवस्था : नहर गहरी फिर भी नहीं लगी रेलिंग

नहर कई जगह काफी गहरी है। पर्व पर हर कोई स्नान करता है। इस दौरान भीड़ भी ज्यादा होती है। सभी सुरक्षित स्नान कर सकें, इसके लिए रे¨लग लगानी होती है। सोमवार की शाम तक इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। अनदेखी : अस्थायी घाट तक नहीं बनाया

भीड़ ज्यादा हो जाए तो स्नान करने वाले श्रद्धालु दूसरी जगह चले जाएं। इसके लिए अस्थायी घाट बनाए जाने चाहिए थे, लेकिन सोमवार शाम तक इस दिशा में भी कुछ नहीं हुआ। यह तैयारी एक दो दिन पहले ही पूरी हो जानी चाहिए थी। उपेक्षा : पत्र लिखने के बाद भी शौचालय नहीं

कहने को तो प्रशासन जिले भर में स्वच्छता का राग अलाप रहा है, इधर छठ पर्व सेवा समिति मंडल की ओर से आठ अक्टूबर को पत्र लिखकर यहां अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था की गुजारिश की थी। समिति प्रधान सुरेश कुमार यादव ने बताया कि 20 शौचालयों की जरूरत है। अब तक एक भी नहीं लगा। हमारी तो आस्था है, वे अव्यवस्था फैलाएं तो क्या करें?

श्रद्धालु उमंग, आदेश, नीतीश, उमेंद्र यादव और लोकेश ने बताया कि छठ पूजा हमारी आस्था का प्रतीक है। अब प्रशासन यदि अव्यवस्था फैला रहा तो क्या किया जा सकता है? कोई बात नहीं। हम तो अपनी पूजा कर ही लेंगे। उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है उन्हें यहां दूसरे दर्जे का नागरिक माना जा रहा है। तभी तो प्रशासन उनकी ओर ध्यान नहीं दे रहा है। जिम्मेदारों के ये तर्क

पानी बंद नहीं कर सकते

नहरी विभाग के एसडीओ करनैल ¨सह ने बताया कि नहर में सफाई के लिए पानी का लेवल कम करना पड़ता। ऐसा संभव नहीं है। क्योंकि दिल्ली पानी जाता है। पानी रोकने पर राजधानी में जलसंकट पैदा हो सकता है। गलत तर्क : गंदगी किनारों पर है, जहां सफाई होनी है। इसलिए पानी रोकने का कारण ही नहीं बनता। चलते पानी में भी सफाई हो सकती है, क्योंकि गंगा की भी तो इसी तरह से सफाई हो रही है। सफाई के लिए गए होंगे मोबाइल टायलेट : ईओ

नगर निगम के ईओ धीरज कुमार ने दावा किया कि छठ पर्व के लिए सफाई के लिए उनकी टीम कार्यरत है। वहां दो मोबाइल टायलेट यानी 12 शौचालय लगाए हैं। टायलेट सफाई के लिए गए होंगे। इसलिए शायद वहां नहीं हैं। गलत तर्क : अभी से टायलेट भर कैसे गए? यदि टायलेट हैं तो फिर दिखाई देते। यहां अभी तक टायलेट लगाए ही नहीं गए। प्रशासन ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया है। हकीकत यह है कि इंतजाम के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। ये हैं सीएम के निर्देश

सीएम के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने बताया कि छठ पर्व के लिए निर्धारित स्थानों की व्यवस्था बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा छठ पर्व के दौरान आयोजन स्थल पर सुरक्षा, रात्रि प्रकाश और सफाई के बेहतर प्रबंध करने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को कहा गया है।

फोटो---26 नंबर है।

प्रशासन को कोई परवाह नहीं

मोती नगर निवासी सुशील ने बताया कि छठ पर्व पर सूर्य देव को अ‌र्घ्य देने वालों की काफी भीड़ होती है, लेकिन प्रशासन को लोगों की श्रद्धा की कोई परवाह नहीं है। घाट पर सफाई और सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। फोटो---27 नंबर है।

अभी से बदबू से बुरा हाल

गांधी नगर निवासी संतोष ने बताया कि काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। पर्व से एक दिन पहले तक भी यहां सफाई नहीं हुई। गंदगी के कारण बदबू से बुरा हाल है। ऐसे में लोग श्रद्धा से पूजन कैसे करेंगे। फोटो---28 नंबर है।

प्रशासन की लापरवाही आ रही सामने

सुधीर यादव ने कहा कि पश्चिमी यमुना नहर किनारे स्थित सूर्य मंदिर में हर साल छठ पर्व मनाया जाता है। यहां सुरक्षा और व्यवस्था के क्या इंतजाम होने चाहिए। इस बारे अधिकारियों को सूचित भी किया था, लेकिन बावजूद इसके सफाई और अन्य व्यवस्था में लापरवाही सामने आ रही है।

जागरण सुझाव : होना ये चाहिए

नहर में सुरक्षा के लिहाज नाव भी होनी चाहिए।

श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रेस्क्यू टीम तैनात हो।

समारोह स्थल पर फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और डाक्टर भी हों।

सुविधा के लिए घाट और आयोजन स्थल पर नोटिस बोर्ड हों।

सूचना बोर्ड पर क्या करें और क्या न करें की जानकारी हो।

घाट पर सफाई कर्मचारियों की टीम भी तैनात होनी चाहिए।

कर्मचारी साथ-साथ सफाई करें, जिससे कि साफ जगह मिले

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात हो।

समारोह स्थल पास पार्किंग और शौचालय की व्यवस्था हो।


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