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पॉलिसी में बदलाव, चंडीगढ़ से मैसेज आने के बाद फसल बेच सकेगा किसान

-मैसेज न आने के कारण मंडी पहुंचे किसान नहीं बेच पाए फसल

By JagranEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 09:30 AM (IST)
पॉलिसी में बदलाव, चंडीगढ़ से मैसेज आने के बाद फसल बेच सकेगा किसान
पॉलिसी में बदलाव, चंडीगढ़ से मैसेज आने के बाद फसल बेच सकेगा किसान

-मैसेज न आने के कारण मंडी पहुंचे किसान नहीं बेच पाए फसल फोटो 29 संवाद सहयोगी, घरौंडा : अब किसान चंडीगढ़ से मैसेज आने के बाद ही अपनी धान की फसल मंडी में लेकर आ सकेंगे। मैसेज किसानों के पास ही आएगा। यानि जब तक मैसेज नहीं आता तब तक किसानों को धान बेचने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। अब किसानों को धान बेचने में भारी परेशानी सहन करनी पड़ेगी। सरकार के आदेश के बावजूद पहले दिन मंडी में धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई। इससे अपनी फसल लेकर आए किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई। सरकार किसानों की फसल खरीदने के लिए मार्केट कमेटी में मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाती थी। उसी के आधार पर मार्केट कमेटी के अधिकारी किसान के पास मंडी में फसल लाने के लिए मैसेज डालते थे। उसके बाद गेट पास मिलता था और कसान फसल मंडी में बेचता था। सरकार ने इस पॅालिसी को बदल दिया है। अब रजिस्ट्रर्ड किसानों के पास चंडीगढ़ से मैसेज आएगा, उसी के बाद किसान अपनी धान की फसल मंडी में लेकर आ सकता है। इस पॉलिसी से किसानों को दिक्कत सहन करनी पड़ेगी। किसानों का कहना है कि सरकार के मैसेज के बाद अगर फसल काटनी शुरू कर दे तो उन्हें संसाधनों के अभाव में दिक्कत आएगी। अगर फसल पहले काटे तो धान की फसल को ज्यादा दिन तक घर नहीं रख सकते हैं। किसानों को कहना है कि जब स्थानीय मार्केट कमेटी से मैसेज आता था तो मंडी में आढ़ती मार्केट कमेटी के अधिकारियों से शेडूयल का पता कर लेते थे और वे किसानों को मैसेज कर देते थे। उसी के आधार पर किसान अपनी फसल की कटाई करवा लेता था, लेकिन अब चंडीगढ़ से मैसेज आने का इंतजार करना पड़ेगा और मैसेज आ गया तो फसल कटवाने में परेशानी आएगी।

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किसान संदीप, अजय सोनू ने बताया कि सरकार की ये पॉलिसी गलत है। मंडी प्रधान रामलाल गोयल ने बताया कि सरकार की जो पॉलिसी पहले थी, वही लागू करनी चाहिए। चंडीगढ़ से किसान के पास मैसेज आने वाली पॅालिसी से किसान परेशान हो जाएगा। कई बार किसानों को मैसेज नहीं मिल पाता, इसलिए वह अपनी फसल लाने से वंचित रह जाएगा। बॉक्स--

मांगे जा रहे है सुझाव।

मार्केट कमेटी के अधिकारियों के अनुसार किसानों से सरकार सुझाव मांग रही है कि वह किस सप्ताह में अपनी फसल लेकर मंडी में आ सकता है। सरकार उसी के आधार पर किसानों को शेडूयल बनाने की तैयारी कर रही है। किसानों का कहना है कि लगभग दस-बारह हजार क्विंटल धान की फसल मंडी में आई पड़ी है। इसे बेचने में ही परेशानी हो रही है। बॉक्स---

सात हजार किसानों का है रजिस्ट्रेशन

मार्केट कमेटी के अधिकारियों के अनुसार पूरे इलाके के लगभग सात हजार किसानों का रजिस्ट्रशन हो रहा है। धान का सीजन तेजी पर है। सरकार ने जल्दी से पॉलिसी का अमलीजामा पहनाना चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके। मार्केट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश का कहना है कि अब किसानों के पास चंडीगढ़ से मैसेज आएगा, उसी के बाद किसान मंडी में अपनी फसल लेकर आएगा। किसानों के पास पहले मार्केट कमेटी से मैसेज जाता था, वह सरकार ने बंद कर दिया है। -नहीं हो पाई धान की खरीद

संवाद सहयोगी, घरौंडा : सरकार के आदेशों के बाद भी पहले दिन नई अनाज मंडी के धान की खरीद नहीं हो पाई है। किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। अधिकारी पूरा दिन धान खरीद की रूपरेखा तैयार करते रहे। मंडी में इस बार तीन सरकारी एजेंसी धान की खरीद करेगी। सरकार ने शनिवार को आनन-फानन से धान की खरीद करने के आदेश जारी कर दिए थे। रविवार को पहले दिन धान की खरीद होनी थी। धान खरीद एजेंसियों ने मार्केट कमेटी के अधिकारियों से धान खरीद के लिए बैठक भी की गई, लेकिन धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई। मंडी में पीआर धान लगभग 12 हजार क्विंटल आई हुई है। मार्केट कमेटी के अधिकारियों के अनुसार अभी तक उनके पास किसी प्रकार का शेडूयल नहीं आया है, क्योंकि अब किसानों के पास चंडीगढ़ से धान लाने का मैसेज आएगा। धान की खरीद के लिए पूरी तैयारी चल रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि सोमवार से धान की खरीद शुरू हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार डीएफएससी, हेफैड व वेयर हाउस धान की खरीद करेगी। मार्केट कमेटी के सचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि रविवार को धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। सोमवार से धान की खरीद शुरू होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मंडी में तीन एजेंसी धान की खरीद करेंगी।


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