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सभी प्रत्याशी प्रतिदिन का खर्च करें रजिस्टर में दर्ज : डीसी

लोकसभा आम चुनाव करनाल संसदीय क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी विनय प्रताप सिंह ने बताया कि सभी प्रत्याशियों को चुनाव में किए जाने वाले प्रत्येक खर्च को रजिस्टर में दर्ज करना होगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 18 Apr 2019 06:37 AM (IST)
सभी प्रत्याशी प्रतिदिन का खर्च करें रजिस्टर में दर्ज : डीसी
सभी प्रत्याशी प्रतिदिन का खर्च करें रजिस्टर में दर्ज : डीसी

जागरण संवाददाता, करनाल : लोकसभा आम चुनाव करनाल संसदीय क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारी विनय प्रताप सिंह ने बताया कि सभी प्रत्याशियों को चुनाव में किए जाने वाले प्रत्येक खर्च को रजिस्टर में दर्ज करना होगा। इस रजिस्टर की तीन बार जांच की जाएगी।

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उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार व अन्य कार्यो के लिए प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले सभी खर्च रजिस्टर में दर्ज किए जाने जरूरी हैं। प्रत्याशियों के साथ-साथ खर्च निगरानी समिति द्वारा उनके खर्च को दर्ज करने के लिए शैडो रजिस्टर बनाए जाएंगे। इनमें प्रत्याशियों द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक खर्च को दर्ज किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि प्रत्याशी खर्च की गणना प्रशासन द्वारा निर्धारित वस्तुओं की दरों के अनुसार की जाएगी। इसका मिलान खर्च निगरानी समिति द्वारा तैयार शैडो रजिस्टर से किया जाएगा, जिसके लिए प्रत्याशियों के रजिस्टर तीन बार जांच के लिए मंगवाए जाएंगे। यदि शैडो और प्रत्याशी के रजिस्टर में दर्ज खर्च में अंतर मिलता है तो प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा जिसका जवाब उसे 48 घंटे में देना होगा। लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी अधिकतम 70 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है।

उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशी नामांकन से पूर्व अपना एक नया बैंक खाता खुलवाएं, जिसका विवरण उन्हें नामांकन फार्म में भी देना होगा। चुनाव के लिए किए जाने वाला प्रत्येक खर्च उन्हें इसी खाते से करना है। उन्होंने बताया कि कोई भी प्रत्याशी किसी एक कार्य के लिए 10 हजार रुपये से अधिक का नकद भुगतान नहीं कर सकता है। यदि कोई प्रत्याशी बिना अनुमति वाहन का इस्तेमाल करता है तो उसका खर्च उसके चुनावी खर्च में शामिल कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वाहन और हेलीकॉप्टर की अनुमति रिटर्निग ऑफिसर से मिलेगी, जबकि रैली, जनसभा आदि की इजाजत संबंधित क्षेत्र के एआरओ देंगे। लोकसभा प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में होने वाले खर्च पर पैनी नजर रखने के लिए अलग से अधिकारियों की कमेटियां बनाई गई हैं।


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