Move to Jagran APP

कैमला के पंचों ने मानदेय भत्ते के पेमेंट बाउचरों पर हुए हस्ताक्षरों को बताया फर्जी

कैमला के पंचायत मेंबरों ने निवर्तमान सरपंच पर मानदेय बाउचरों पर फर्जी हस्ताक्षर करके मानदेय हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं। बीडीपीओ कार्यालय में पंचों के सामने पेमेंट बाउचर रखे गए तो पंचों ने दो टूक जवाब दिया और कहा कि बाउचरों पर उनके साइन नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Aug 2021 08:47 AM (IST)Updated: Tue, 17 Aug 2021 08:47 AM (IST)
कैमला के पंचों ने मानदेय भत्ते के पेमेंट बाउचरों पर हुए हस्ताक्षरों को बताया फर्जी
कैमला के पंचों ने मानदेय भत्ते के पेमेंट बाउचरों पर हुए हस्ताक्षरों को बताया फर्जी

संवाद सहयोगी, घरौंडा : कैमला के पंचायत मेंबरों ने निवर्तमान सरपंच पर मानदेय बाउचरों पर फर्जी हस्ताक्षर करके मानदेय हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं। बीडीपीओ कार्यालय में पंचों के सामने पेमेंट बाउचर रखे गए तो पंचों ने दो टूक जवाब दिया और कहा कि बाउचरों पर उनके साइन नहीं है। इतना ही नहीं, बीडीपीओ कार्यालय के मुताबिक, करीब एक साल पहले मानदेय भत्ते की जो पेमेंट सरपंच सुनील लेकर गया था उसके भी वाउचर पंचायत कार्यालय में जमा नहीं करवाए गए। हालांकि पंचायत कार्यालय की तरफ से सरपंच को लेटर भी भेजे गए लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। पंचायत मेंबरों में सरपंच के खिलाफ गहरा रोष है। पंचों ने पूरे मामले की निष्पक्षता से जांच की मांग की है।

loksabha election banner

पिछले कई महीनों से मानदेय भत्ते के लिए भटक रहे कैमला गांव के पंचायत मेंबरों ने बीती 10 अगस्त को एसडीएम कार्यालय में एसडीएम पूजा भारती को शिकायत दी और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नाम ज्ञापन सौंपा। एक शिकायत बीडीपीओ कार्यालय में भेजी सौंपी गई। बीडीपीओ कार्यालय ने कैमला के सरपंच व सचिव को रिकार्ड प्रस्तुत करने के निर्देश जारी कर दिए थे और पंचायत मेंबरों को शुक्रवार को कार्यालय में बुलाया था, लेकिन मेंबर पहुंचें तो कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई, उसके बाद सोमवार को सुबह 10 बजे बुलाया गया, लेकिन उसके बाद भी उन्हें टरका दिया और शाम तीन बजे आने के लिए कहा, लेकिन तीन बजे भी पंचायत मेंबरों को लालीपाप देने का प्रयास किया गया। जिससे पंचों को गुस्सा फूट गया और उन्हें बीडीपीओ कार्यालय के बाहर रोष जताया। पंचों के रोष को देखते हुए एसईपीओ जोगिद्र सिंह व सचिव सुमित ने मेंबरों पंचों को शांत किया और पंचों के सामने कैमला पंचायत का रिकर्ड प्रस्तुत किया। फर्जी हस्ताक्षरों को देख चौंक गए पंच

पंचायत मेंबर मास्टर हरीसिंह, जोगिद्र सिंह, रामकुमार, जोगिद्र कुमार, किरण बाला, पूजा, किरणबाला, पंच प्रतिनिधि मनीष कुमार पेमेंट बाउचरों पर अपने फर्जी हस्ताक्षरों को देखकर चौंक गए। पंचों का कहना है कि जो बाउचर उनके सामने रखे गए है उन पर उनके साइन नहीं है, नकली हस्ताक्षर किए गए है। पंचों ने बताया कि बाउचर नंबर-49 पर 13 हजार रुपए, वाउचर नं. 70 पर पांच हजार, वाउचर नं. 101 पर छह व वाउचर नं. 130 पर छह हजार की पेमेंट भरी हुई है। जिस पर किसी पंच के साइन है तो किसी के नहीं, जो हस्ताक्षर है वह भी फर्जी है। सरपंच ने स्पष्ट रूप से धांधली की है। मामले की जांच होनी जरूरी है। पंचों की इतने माह की राशि है बकाया

पंचों के मुताबिक, ग्राम पंच किरण बाला की 40 महीने, रामकुमार की 29 महीने, सरोजबाला की 20 महीने, सोनू की 19 महीने, मास्टर हरिसिंह की 10 महीने, पूजा देवी की 34 महीने का मानदेय बकाया है, जबकि सरपंच सुनील ने बीती 10 अगस्त को मीडिया से बातचीत में बताया था कि उसने एक को छोड़कर सभी पंचों की पेमेंट की हुई है। इसके अलावा बीते चार महीनो का मानदेय बीडीपीओ ऑफिस के खाते में पड़ा है और एक महीने का अभी मानदेय पहुंचा नहीं है। बीडीपीओ कार्यालय ने यह बात भी कबूली है कि जून-2020 में सरपंच सुनील कुमार 20 पंचों का आठ महीने का मानदेय लेकर गया था, लेकिन उसने पेमेंट बाउचर आजतक भी जमा नहीं करवाए, जबकि वाउचर महीने के अंत तक जमा करवाने होते है। सरपंच सुनील को लेटर भी जारी किया गया था, जिसका उसने कोई जवाब नहीं दिया। पंचों ने सरपंच सुनील कुमार पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है।

एसईपीओ जोगिद्र सिंह ने बताया कि कैमला गांव के पंच कार्यालय आए थे। पंचायत के रिकार्ड में वाउचर से पंचों को पेमेंट की गई है, लेकिन पंचों ने वाउचरों पर हुए हस्ताक्षरों को फर्जी बताया है। पंचों के बयान दर्ज कर लिए गए है। सरपंच व सचिव को कार्यालय में बुलाया जाएगा। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। ग्राम सचिव सुमित कुमार ने बताया कि जून-2020 में कैमला का सरपंच सुनील कुमार 20 मेंबरों की आठ महीने की पेमेंट लेकर गया था, लेकिन उसने इस पयमेंट का कोई भी बाउचर बीडीपीओ ऑफिस में जमा नहीं करवाया, बाउचर महीने के अंत में जमा करवाने होते है। सरपंच से बात हुई थी उसने कहा था कि वाउचर उसके पास है वह किसी कारणवश जमा नहीं करवा पाया। निवर्तमान सरपंच सुनील कुमार ने बताया कि सभी मेंबरों पंचायतों की पेमेंट की जा चुकी है, यदि किसी पंच का मानदेय भत्ता बकाया है तो वह मंगलवार को दे दिया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.