140 बसें रूट पर, अल सुबह और देर शाम सर्विस न होने से दिक्कत
जागरण संवाददाता, करनाल रोडवेज की हड़ताल से सवारियों को दिन में तो राहत है, लेकिन अलसुबह और देरशाम बस सर्विस नहीं मिलने से दिक्कत बरकरार है। इस समस्या के समाधान के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की है। अस्थायी रूप से लगाए कर्मचारियों से सिर्फ दिन में ही काम लिया जाता है। इसलिए सुबह पांच और देर शाम आठ बजे के बाद बस नहीं मिलती।
जागरण संवाददाता, करनाल
रोडवेज की हड़ताल से सवारियों को दिन में तो राहत है, लेकिन अलसुबह और देरशाम बस सर्विस नहीं मिलने से दिक्कत बरकरार है। इस समस्या के समाधान के लिए अभी कोई व्यवस्था नहीं की है। अस्थायी रूप से लगाए कर्मचारियों से सिर्फ दिन में ही काम लिया जाता है। इसलिए सुबह पांच और देर शाम आठ बजे के बाद बस नहीं मिलती। त्योहारी सीजन होने के कारण इस समय सवारियों की संख्या ज्यादा भी होती है।
रोडवेज कर्मचारी 12वें दिन भी हड़ताल पर रहे, दिन में हड़ताल का कोई ज्यादा असर देखने को नहीं मिला। शनिवार को हरियाणा रोडवेज की 140 बसें विभिन्न रूटों पर दौड़ीं। प्राइवेट बसें भी रूटीन में चलीं। हड़ताल के असर को कम के लिए अधिकारी भी डटे हुए हैं। कई दिन से विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को हायर कर बसों को चलाया जा रहा है। जीएम रोडवेज प्रद्युमन ¨सह ने कहा कि सभी रूटों पर बसें चल रही हैं। हड़ताल के कारण कोई परेशानी नहीं है। पूरी स्थिति पर नियंत्रण किया हुआ है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सफर करने में यात्रियों को दिक्कत न हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहे है। 11 कर्मचारी भूख हड़ताल पर
कर्मचारी तालमेल कमेटी हरियाणा के बैनर तले शनिवार को भी 11 कर्मचारी भूख हड़ताल पर बैठे रहे। सभी रोडवेज कर्मचारियों ने कामकाज ठप रखा और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक सरकार 720 किलोमीटर स्कीम के तहत लगाई जाने वाली बसों की स्कीम को रद्द नहीं करती तब तक वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे। प्रधान कृपाल लाडी ने कहा कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। शोषण बर्दाश्त नहीं
कर्मचारियों ने कहा कि सरकार जानबूझ कर कर्मचारियों का शोषण करने पर लगी है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार कर्मचारी पदाधिकारियों के साथ वार्ता करके इसका हल निकाल लेते तो आज आमजन को परेशान न होना पड़ता। कर्मचारियों ने बताया कि बस 25 रुपये प्रति किमी आय लाती है और इस पर सात बेरोजगारों को रोजगार मिलता है, जबकि निजी बस मालिक 25 रुपये रोडवेज की आर्य के बदले 50 रुपये किलोमीटर देने पड़ते हैं जोकि बहुत बड़ा घोटाला है। इस पर सिर्फ एक कर्मचारी को रोजगार मिलता है।