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पराली जलाने और आतिशबाजी का दिखा असर, आसमान में छाया स्मॉग

पराली जलने के साथ ही दीपावली पर हुई आतिशबाजी का असर आसमान में साफ तौर पर दिखने को मिल रहा है। आसमान में स्मॉग दिखने लगा है। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सबसे ज्यादा परेशानी दमा व श्वांस के मरीजों को उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही आंखों व नाक में जलन की शिकायत भी सामने आ रही है। करनाल में मंगलवार को एयर क्वालिटी का इंडेक्स 2

By JagranEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 09:05 AM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 09:05 AM (IST)
पराली जलाने और आतिशबाजी का दिखा असर, आसमान में छाया स्मॉग

जागरण संवाददाता, करनाल: पराली जलने के साथ ही दीपावली पर हुई आतिशबाजी का असर आसमान में साफ तौर पर दिखने को मिल रहा है। आसमान में स्मॉग दिखने लगा है। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने से सबसे ज्यादा परेशानी दमा व श्वांस के मरीजों को उठानी पड़ रही है। इसके साथ ही आंखों व नाक में जलन की शिकायत भी सामने आ रही है। करनाल में मंगलवार को एयर क्वालिटी का इंडेक्स 284 रहा। तेज हवा और बरसात होने से प्रदूषण का स्तर कम हो सकता है। लेकिन मौसम विभाग के अनुसार अभी दो या तीन दिन में बरसात होने की संभावना भी नहीं है।

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करनाल जिले में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कृषि विभाग काम कर रहा है। बावजूद इसके किसान जागरूकता के अभाव में अभी भी पराली जला रहे हैं। हालांकि पिछले सालों की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है। इसके साथ ही दीपावली पर हुई आतिशबाजी से निकली जहरीली गैसे भी पर्यावरण में घूम रही है। पटाखों से सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन डाइ आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, आक्साइडस आफ नाइट्रोजन के साथ साथ अधजले कार्बन के कण निकले। यह फिजा में घुलने से लोगों को परेशानी हुई है। दूसरी ओर अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को करनाल का अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री रहा तो न्यूतनम तापमान 16.8 डिग्री पर पहुंच गया।

अमृतधारा माई अस्पताल के डॉ. शामित गुप्ता ने कहा कि इस समय प्रदूषित जगह पर जाने से बचना चाहिए। नांक और मुंह को मास्क से ढक कर रखना चाहिए। सांस लेने में दिक्कत होने पर चिकित्सक से तुरंत सलाह लेनी चाहिए।


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