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सुंदर चेहरा ही नहीं आवाज भी बन सकती हमारी पहचान : अजित गिल

डीएवी पीजी कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के तत्वावधान में विश्व रेडियो दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उसमें विद्यार्थियों को रेडियो के प्रसारण की बारीकियों, तकनीकी और रोजगार की संभावनाओं पर जानकारी दी गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 10:18 AM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 10:18 AM (IST)
सुंदर चेहरा ही नहीं आवाज भी बन सकती हमारी पहचान : अजित गिल
सुंदर चेहरा ही नहीं आवाज भी बन सकती हमारी पहचान : अजित गिल

जागरण संवाददाता, करनाल : डीएवी पीजी कॉलेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के तत्वावधान में विश्व रेडियो दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उसमें विद्यार्थियों को रेडियो के प्रसारण की बारीकियों, तकनीकी और रोजगार की संभावनाओं पर जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आकाशवाणी के रोहतक केंद्र के कार्यक्रम अधिकारी अजित ¨सह गिल थे।

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अजित ¨सह गिल ने कहा कि रेडियो में रोजगार की अपार संभावनाए हैं, लेकिन इसके लिए हमें अपने उच्चारण को शुद्ध और बोलने की कला में निखार लाना होगा। शब्दों पर अपनी पकड़ बनानी होगी। शब्दों की श्रृंखला में ठहराव और वाणी का बहुत अधिक महत्व है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सुंदर चेहरा ही नहीं, बल्कि आवाज भी हमारी पहचान बन सकती है।

रेडियो संचार का प्रभावशाली माध्यम : डॉ. सुभाष

डॉ. सुभाष कुमार ने कहा कि रेडियो के प्रसारण में ¨हदी कविताएं, युवा मंच, रेडियो नाटक और काव्य पाठ श्रृंखलाओं में विद्यार्थी भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने रेडियो को आम आदमी का प्रभावशाली संचार माध्यम बताया। उन्होंने बताया कि देश के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति की पसंद और रुचि के कार्यक्रम रेडियो पर प्रसारित किए जाते हैं। प्राचार्य डॉ. रामपाल सैनी ने कहा कि रेडियो संचार का सबसे सशक्त माध्यम है, जो हर आयु वर्ग के श्रोताओं के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत करता है। दयाल ¨सह कॉलेज के ¨हदी विभाग के प्रवक्ता डॉ. सुभाष कुमार भी उपस्थित रहे। ¨प्रसिपल डॉ. रामपाल सैनी और विभाग के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार और प्रो. गुरदेव ¨सह ने अतिथियों का स्वागत किया।

प्रश्नोत्तरी में विकास प्रथम

विश्व रेडियो दिवस के इस अवसर पर विभाग के तत्वावधान में रेडियो पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। उसमें बीएमसी तृतीय वर्ष के छात्र विकास ने प्रथम, बीएमसी प्रथम वर्ष की छात्रा नीमितिका ने दूसरा और बीएमसी द्वितीय वर्ष के छात्र विकास और रीतू ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रो. गुरदेव ¨सह ने किया। इस अवसर पर डॉ. अमोल, प्रो. अंजू, प्रो. सुमन बाला, प्रो. रुचि खुराना, प्रो. सपना मैहला, प्रो. रजनी शर्मा, प्रो. ज्योति मदान, प्रो. रमा गर्ग आदि मौजूद रहे।


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