केजरीवाल के दौरे पर प्रशासन मौन, नहीं लिया व्यवस्था का जायजा
गांव पबाना हसनपुर स्थित डिस्पेंसरी में दिल्ली के सीएम अर¨वद केजरीवाल दौरा करेंगे और कमियों पर सरकार को घेरेंगे।
संवाद सूत्र, बल्ला : गांव पबाना हसनपुर स्थित डिस्पेंसरी में दिल्ली के सीएम अर¨वद केजरीवाल के दौरे को लेकर प्रशासन अभी तक अपनी कुंभकर्णी नींद से नहीं जागा है। 17 नवंबर को इस गांव की डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने केजरीवाल पहुंचेंगे। आम आदमी पार्टी हरियाणा में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने की तैयारी में है। लेकिन केजरीवाल के दौरे को लेकर पबाना हसनपुर की डिस्पेंसरी में अभी तक कोई हलचल नहीं है। अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी न यहां का दौरा करने तक की जहमत नहीं उठाई है। डिस्पेंसरी में हर रोज की तरह कर्मचारी अपना काम कर रहे हैं।
डिस्पेंसरी की हालत खस्ता
यहां डिस्पेंसरी की हालात खस्ताहाल बनी हुई है। डिस्पेंसरी के प्रागंण में कहीं गंदा पानी एकत्र है तो कहीं पर शराब की खाली बोतलें बिखरी पड़ी हैं। शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है जबकि गड्ढे का ढक्कन ऊपर से टूटा हुआ है। बृहस्पतिवार को जब जागरण संवाददाता ने डिस्पेंसरी का दौरा किया तो डिस्पेंसरी में कुछ गर्भवती महिलाएं चेकअप के लिए सेंटर में आई हुई थीं। प्रवीन, सोनिया, बबीता, वर्षा और बेबी ने बताया कि डिस्पेंसरी में गर्भवती महिलाओं का मात्र वजन, बीपी, हाइट व यूरिन टेस्ट किया जाता है। अगर किसी महिला को कोई दिक्कत है तो उसे इलाज के लिए मजबूरन शहर जाना पड़ता है। किसी गर्भवती महिला में खून की कमी है तो उसे दवाइयां भी बाहर से लानी पड़ रही हैं।
शराबी करते हैं तंग
डिस्पेंसरी में कार्यरत एएनएम रोशनी देवी और सुनीता देवी ने बताया कि डिस्पेंसरी में अक्सर आए दिन कुछ शराबी युवक सुबह ही आकर बैठ जाते है और नशा करने के बाद अभद्र व्यवहार भी करते हैं। कई बार पुलिस को शिकायत करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है।
पिछड़ा हुआ है गांव
वहीं मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के स्टेट ऑर्ब्जवर रामपाल का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो अर¨वद केजरीवाल ने पबाना हसनपुर डिस्पेंसरी को इसलिए चुना है क्योंकि यह गांव शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। यहां के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निजी अस्पतालों में महंगे इलाज करवाने के लिए विवश है क्योंकि गांव में स्वास्थ्य के नाम पर कोई भी सुविधा प्रदेश सरकार की ओर से ग्रामीणों को मुहैया नहीं करवाई गई है।