प्रदेश के प्रत्येक जिलों में पशु निदान केंद्र होंगे स्थापित, युवाओं को मिलेगा रोजगार
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन गतिविधियां सुधार की भूमिका निभाती है। हरियाणा सरकार ने पशुपालक एवं पशुधन की जरूरतों के तहत पशु सेहत संबधित सेवाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं।
फोटो---29 नंबर है। अनिल भार्गव, निसिग
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन गतिविधियां सुधार की भूमिका निभाती है। हरियाणा सरकार ने पशुपालक एवं पशुधन की जरूरतों के तहत पशु सेहत संबधित सेवाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं। आने वाले समय में गांवों में सेंटर खोले जाएंगे व पशुओं का इलाज किया जाएगा। इस योजना से जहां पशुओं के इलाज को डॉक्टर उपलब्ध नहीं पाता है वहां सुविधा मिल सकेगी। साथ ही ग्रामीणों को पशुओं की सेहत संभाव के लिए भी कार्यक्रम चलाया जाएगा। बेरोजगार युवकों को कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए लाला लाजपतराय विश्वविद्यालय हिसार एवं वीएसडीडी/बीवीएससी महाविद्यालयों के सहयोग से प्रशिक्षण दिया जाएगा। युवाओं को शैक्षणिक योजना और सार्वजनिक संपर्क गतिविधियों से भी अवगत किया जाएगा। पशुओं की हो सकेगी देखभाल
पशु चिकित्सा अधिकारी डा. तरसेम राणा ने बताया कि प्रत्येक जिले में पशु चिकित्सक और विशेषज्ञ विशेष सेवाएं देंगे। प्रदेश के प्रत्येक जिलों में पशु निदान केंद्र स्थापित होंगे। पशुओं के इलाज के लिए पेट अस्पताल और गंभीर पशु की भर्ती के साथ आंतरिक देखभाल सुविधा मिलेगी। छोटे पशुओं को आवासीय सुविधाओं के लिए शार्ट स्टे हॉस्टल खुलेंगे। जब उनके मालिक अपने क्षेत्र से बाहर हों तो केंद्र में पेट की देखभाल की जाएगी। दुग्ध उत्पादन में प्रदेश पहले स्थान पर : डॉ. तरसेम
वेटरनरी डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि मुर्राह नस्ल की भैंसों व हरियाणा नस्ल की देसी गायों की बदौलत प्रदेश सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के छोटे राज्यों में शामिल हरियाणा की कृषि एवं दुग्ध उत्पादन में विशेष पहचान है। पशु अस्पताल में उन्होंने बताया कि कल्याणकारी पशुधन योजना की बदौलत हरियाणा देश की 2.5 फीसद पशुधन जनसंख्या से युक्त है। बावजूद प्रदेश प्रतिवर्ष 98.09 लाख टन दुग्ध उत्पादन करता है। जो देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 5.6 फीसद से ज्यादा है। प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता 1005 ग्राम है। जो देश के औसतन 375 ग्राम की अपेक्षा बहुत ज्यादा है।