कृषि विभाग ने पांच गांवों में नष्ट की धान की फसल
ृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम ने गुरुवार को डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आदित्य प्रताप डबास की अगुवाई में गांव सलारू दरड़ रंबा संगोहा व समौरा गांव में पहुंच धान की फसल को दवाओं का स्प्रे कर नष्ट कर दिया। कुछ को ट्रैक्टर और कल्टीवेटर की मदद जुतवा दिया
जागरण संवाददाता, करनाल : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम ने गुरुवार को डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आदित्य प्रताप डबास की अगुवाई में गांव सलारू, दरड़, रंबा, संगोहा व समौरा गांव में पहुंच धान की फसल को दवाओं का स्प्रे कर नष्ट कर दिया। कुछ को ट्रैक्टर और कल्टीवेटर की मदद जुतवा दिया। कृषि विभाग ने इन किसानों को सात दिन पहले नोटिस दिए थे, लेकिन धान की रोपाई नहीं रोकी। टीम में उप मंडल कृषि अधिकारी डॉ. सुनील बजाड़, खंड कृषि अधिकारी इंद्री जोजन सिंह, तकनीकी सहायक डॉ. रतन सिंह, डॉ. सुरेंद्र जांगड़ा, डॉ. सुनील, डॉ. प्रमोद व आत्मा स्टाफ व संबंधित पटवारी मौजूद रहे। किसानों की लिस्ट डीसी को भेजेंगे
15 जून से पहले जिन किसानों ने धान की फसल की रोपाई की है उनकी सूची बनाकर डीसी को सौंपी जाएगी। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार जमीन के मालिक से जुर्माने की राशि वसूली जा सके। 15 जून से पहले रोपाई करने वाले पर 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति माह वसूले जाने का प्रावधान है। जुर्माना की रिकवरी राजस्व विभाग द्वारा की जाएगी। जब तक जुर्माने की राशि जमा नही होती, तब तक राजस्व विभाग के खाते में बकाया देनदारी के रूप में रहेगी। पाबंदी के एक दशक बाद भी नहीं मान रहे किसान
जागरण संवाददाता, करनाल : गिरते भूजल स्तर के चलते सरकार ने वर्ष 2009 से अगेती धान की की रोपाई पर पाबंदी लगा रखी है। एक दशक बाद भी किसान रोपाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जो किसान रोपाई करता है कृषि विभाग की टीम नष्ट कर देती है। दैनिक जागरण ने किसानों से बातचीत की। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सेवा सिंह आर्य ने कहा कि किसान मजबूरीवश 15 जून से पहले रोपाई कर रहा है। सरकार के निर्देश का पालन करे तो पीक सीजन में बिजली-पानी की किल्लत हो जाएगी। धान रोपाई के सीजन में बिजली पूरी नहीं मिल पाती। ओवलोड होने के कारण कट लगते हैं। सबसे बड़ा कारण लेबर की समस्या है।
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भूजल स्तर में हो रही बड़ी गिरावट को देखते हुए नियम बनाया था कि 15 जून से पहले धान की रोपाई नहीं होगी। यह तारीख फिक्स करने का एक ओर बड़ा कारण यह था कि इस तारीख के आसपास मानसून दस्तक दे देता है। बरसात होगी तो भूजल कम निकलेगा।
- डॉ. आदित्य प्रताप डबास, उपनिदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग।
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