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एएसआइ पर थर्ड डिग्री टार्चर के आरोप, एसपी से न्याय की लगाई गुहार

जागरण संवाददाता करनाल गांव कुड़लन वासी एक व्यक्ति के साथ मूनक थाने के एएसआइ द्वारा मारपी

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 09:27 AM (IST)
एएसआइ पर थर्ड डिग्री टार्चर के आरोप, एसपी से न्याय की लगाई गुहार
एएसआइ पर थर्ड डिग्री टार्चर के आरोप, एसपी से न्याय की लगाई गुहार

जागरण संवाददाता, करनाल : गांव कुड़लन वासी एक व्यक्ति के साथ मूनक थाने के एएसआइ द्वारा मारपीट व थर्ड डिग्री टॉर्चर करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने एसपी गंगाराम पूनिया से न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपित एएसआइ पर कार्रवाई की मांग की है तो वहीं एसपी ने मामले की जांच डीएसपी असंध को दी है।

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गांव कुड़लन वासी सुलतान सिंह ने एसपी को दी शिकायत में आरोप लगाते हुए बताया कि उनका अपने भाई के साथ मकान को लेकर झगड़ा हुआ। आठ नवंबर को उसके भाई के साथ कईं लोग आए और घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। उनके बेटे ने इस संबंध में पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना दी तो वहां से मूनक थाने में संपर्क करने के लिए कहा गया। वहां संपर्क किया तो जवाब में पुलिस की ओर से कहा गया कि पहले शिकायत देकर जाएं, फिर कार्रवाई की जाएगी। इस पर उन्होंने एसपी से संपर्क करने की बात की तो कुछ देर बाद मूनक थाने से एक एएसआई टीम के साथ पहुंचे और उसे वहीं से मारपीट करते हुए अपने साथ ले गए। थाने ले जाकर भी उसे उल्टा लटका कर थर्ड डिग्री टार्चर किया, जिसके चलते उसे गंभीर चोटें भी आई। उसे अगले दिन छोड़ा गया तो वह असंध सरकारी अस्पताल में ईलाज के लिए पहुंचा, जहां से उसे करनाल रेफर कर दिया गया और यहां चार दिन तक उपचार चलता रहा। पीड़ित ने जिला सचिवालय में ही पुलिस द्वारा की गई पिटाई के बाद अपने जख्म दिखाते हुए न्याय की गुहार लगाई। वहीं उन्होंने बताया कि उनका भाई के साथ झगड़े के संबंध में सामाजिक तौर पर समझौता भी हो गया है और इससे मूनक थाना पुलिस को भी अवगत कराया जा चुका है। पीड़ित ने आरोपित एएसआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं उन्होंने बताया कि वे इस संबंध में 12 नवंबर को भी एसपी को एक शिकायत देकर गए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब एसपी ने मामले की जांच असंध डीएसपी को सौंपी है। नहीं की मारपीट : एसएचओ

मूनक थाना एसएचओ कुलदीप सिंह का कहना है कि सुलतान सिंह का उसके भाई के साथ झगड़ा था, जिसके चलते सूचना मिलने के बाद ही एएसआई मौके पर पहुंचे थे। बाद में दोनों के बीच समझौता भी हो गया, जिसकी प्रति उन्हें मिल गई है। एएसआई पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। थर्ड डिग्री टार्चर तो दूर, उससे मारपीट तक नहीं की गई।


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