संसद व विधानसभाओं में 33 फीसद महिला आरक्षण बिल लागू किया जाए: जरासो
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने आरक्षण बिल को लेकर बैठक की। समिति के नेताओं ने कहा कि महिलाओं के राजनीतिक सशक्तीकरण तथा नीति निर्माण में सशक्त भूमिका के लिए महिला आरक्षण बिल पास होना बेहद जरूरी है।
करनाल (विज्ञप्ति): अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने आरक्षण बिल को लेकर बैठक की। समिति के नेताओं ने कहा कि महिलाओं के राजनीतिक सशक्तीकरण तथा नीति निर्माण में सशक्त भूमिका के लिए महिला आरक्षण बिल पास होना बेहद जरूरी है। इसके लिए संगठन लंबे समय से यह मांग कर रहा है कि संसद व विधानसभाओं में 33 फीसद महिला आरक्षण बिल लागू किया जाए, परन्तु सत्तासीन रही सभी राजनीतिक पार्टियां महिला आरक्षण बिल पारित करने से परहेज करती रही हैं। जरासो ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार भी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने में दिलचस्पी नहीं ले रही है, जबकि महिला आरक्षण बिल 12 सितंबर 1996 को संसद में पेश किया गया था और 10 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित किया गया था। पिछले 25 वर्षो से आम सहमति के नाम पर यूपीए सरकार की तरह ही मोदी सरकार भी इसे ठंडे बस्ते में डाले हुए है। इससे भी आगे बढ़कर हरियाणा की भाजपा सरकार ने पंचायती राज कानून में संशोधन करके लोकतंत्र विरोधी कार्य किया है जिसकी वजह से ज्यादातर गरीब, दलित व पिछड़े लोग जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं हैं, चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी लोगों की भागीदारी आवश्यक है तथा हमारे देश का संविधान भी तमाम नागरिकों को समान रूप से चुनने व चुने जाने का अधिकार प्रदान करता है। इसलिए संगठन यह मांग करता है कि महिला आरक्षण बिल बिना किसी देरी के तुरंत पारित किया जाए। पंचायती राज कानून में संशोधन को रद्द किया जाए। संगठन यह भी मांग करता है कि स्थानीय निकायों में चुनकर आई महिलाओं को प्रशिक्षण की उपयुक्त व्यवस्था की जाए। चुनी हुई महिला प्रतिनिधियों की बैठक में उपस्थिति सुनिश्चित की जाए तथा उनके परिजनों की बैठकों में उपस्थिति पर पाबंदी लगाई जाए। इस अवसर पर शीला, सुमन, गीता, पिकी, रेखा, मुकेश, प्रवेश, किरण, ऊषा व काजल मौजूद रहे।