नगर निगम ने सील की 12 डेयरियां, 15 पशु कब्जे में
जागरण संवाददाता करनाल शहर से पशु डेयरियों को बाहर करने के प्रोजेक्ट में नगर निगम की ओर से बनाए गए नियमों की अनदेखी कर उल्लंघन करने वाले डेयरी मालिकों के खिलाफ मंगलवार को निगम की ओर डेयरियों को सील करने की कार्रवाई की गई। निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह की अगुवाई में हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 333 के तहत कुल 12 डेयरियों को सील किया गया और 15 पशुओं को अपने कब्जे में लेकर उन्हें प्रेम नगर स्थित सामुदायिक केन्द्र में रखा गया है। इनमें 2 गाय व 13 भैंस
जागरण संवाददाता, करनाल : शहर से पशु डेयरियों को बाहर करने के प्रोजेक्ट में नगर निगम की ओर से बनाए गए नियमों की अनदेखी कर उल्लंघन करने वाले डेयरी मालिकों के खिलाफ मंगलवार को निगम की ओर डेयरियों को सील करने की कार्रवाई की गई। निगम के संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह की अगुवाई में हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 333 के तहत कुल 12 डेयरियों को सील किया गया और 15 पशुओं को अपने कब्जे में लेकर उन्हें प्रेम नगर स्थित सामुदायिक केन्द्र में रखा गया है। इनमें 2 गाय व 13 भैंस शामिल हैं। सील की गई सभी डेयरियां शहर के राम नगर, प्रेम नगर और शांति नगर की हैं। उपायुक्त एवं नगर निगम आयुक्त निशांत यादव के आदेश पर की गई इस कार्रवाई में संयुक्त आयुक्त निगम के कर्मचारी व पुलिस को साथ लेकर डेयरियों को सील करने निकले।
निगमायुक्त ने बताया कि डेयरी सील करने की कार्रवाई का निर्णय एक दम नहीं लिया गया। इससे पहले प्लाटों की अलॉटमेंट से लेकर उनकी धरोहर राशि व 20 प्रतिशत राशि की किश्त डिपोजिट करवाने तक नगर निगम अपनी कार्रवाई करता रहा। इस बीच डेयरी शिफ्टिग को लेकर निगम की शर्तें ना मानने वाले डेयरी मालिकों को कई बार नोटिस देकर चेतावनी दी गई। इसके बावजूद जिन डेयरी मालिकों ने निगम में आकर आवेदन के साथ निर्धारित राशि व अलॉटमेंट की 20 प्रतिशत राशि देने में किसी तरह की गंभीरता नहीं दिखाई, उनके विरुद्ध सील करने की कार्रवाई अमल में लाई गई।
जिन डेयरियों के पशु निगम ने अपने कब्जे में लिए हैं, यदि कोई डेयरी मालिक उन्हें छुड़वाना चाहे तो पांच हजार रुपये प्रति पशु जुर्माना लेकर छोड़ा जाएगा।
संयुक्त आयुक्त गगनदीप सिंह ने बताया कि डेयरी सील करने की कार्रवाई में निगम के कार्यकारी अधिकारी दीपक सूरा, सचिव बाल सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक सुरेन्द्र चोपड़ा, महावीर सिंह सोढी, भवन निरीक्षक राजेश कुमार, विकास अरोड़ा, जेई वरुण शर्मा, रवि कुमार, कर्मचारियों में प्रदीप शर्मा, जितेन्द्र मलिक, संजीव राठी, अविनाश शर्मा व अंकित कुमार भी शामिल थे।