शपथ पत्र बनवाने उमड़े युवा 10 रुपये की स्टांप 50 में खरीदा
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए शपथ पत्र लिया जा रहा है। यह शपथ पत्र उन अभियार्थियों के लिए बहुत जरूरी है जिनके परिवार में से कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी पर नहीं है क्योंकि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त पांच नंबर दिए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए शपथ पत्र लिया जा रहा है। यह शपथ पत्र उन अभियार्थियों के लिए बहुत जरूरी है, जिनके परिवार में से कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी पर नहीं है, क्योंकि इसके लिए उन्हें अतिरिक्त पांच नंबर दिए जाएंगे।
ऐसे में भर्तियों के आवेदन के लिए लिए युवाओं में शपथ पत्र बनवाने की होड़ लगी है। शपथ पत्र बनवाने के लिए सरपंच, पार्षद के हस्ताक्षर के साथ ही 10 रुपये की स्टांप व तहसीलदार के हस्ताक्षर अनिवार्य हैं। तीन दिनों की छुट्टी के बाद जब मंगलवार को कार्यालय खुले तो सैकड़ों की संख्या में युवक तहसीलदार के हस्ताक्षर कराने के लिए कतारों में खड़े थे। इसकासबसे अधिक फायदा नोटरी वालों ने उठाया। नोटरी वालों ने 10 रुपये की स्टांप टिकट 15 रुपये से लेकर 40 से 50 रुपये तक बेची। इतना ही नहीं स्टांप के साथ ही 20 रुपये टाइप करवाने के भी ले रहे थे।
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आवेदन के दिन ही मिली जानकारी
चंदाना गेट निवासी दीपक ने कहा कि ऐसा कोई शपथ पत्र जरूरी था तो इसकी सूचना पहले दी जानी चाहिए थे। उन्हें 12 जून को आवेदन के समय ही इसके बारे में पता चला। अब पांच से छह दिन बीत चुके हैं। पहले कई दिनों तक छुट्टी रही और अब कभी पार्षद नहीं मिल रहा तो कभी अधिकारी।
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नहीं होनी चाहिए लूट
शपथ पत्र बनवा रहे गांव उझाना निवासी गुलशन ने कहा कि ये गलत है। अनुसूचित जाति और जनजाति के आवेदकों से भर्ती शुल्क कम लिया जा रहा है, जबकि शपथ बनवाने का खर्च 70 रुपये तक आ रहा है। ऐसे में भर्ती शुल्क को कम रखने का कोई फायदा नहीं है।
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सिर्फ सेल्फ अंडरटेकिग ही काफी थी
सीवन गेट से शपथ पत्र बनवाने पहुंचे गुरप्रीत और गुरविद्र ने बताया कि जब किसी भी प्रमाण पत्र पर सेल्फ अंडरटेकिग को ही सही माना गया है तो फिर इस पर पार्षद व अधिकारियों के हस्ताक्षर की जरूरत नहीं है। शपथ पत्र बनवाने के लिए वे पिछले कई दिनों से चक्कर काट रहे हैं।
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50 रुपये में खरीदी टिकट
पूंडरी तहसील में शपथ पत्र बनवाने के लिए युवाओं को 10 रुपये स्टांप के लिए 50 रुपये देने पड़े। गांव भाणा निवासी सोहन ने बताया कि पहले तो स्टांप देने से ही मना कर दिया था, लेकिन प्रार्थना करने पर उन्हें 50 रुपये की स्टांप दी गई। उन्होंने बताया कि सैकड़ों की संख्या में युवा खड़े थे और सबसे इसी तरह वसूली की जा रही थी।
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डीसी कर सकते हैं लाइसेंस रद
एडवोकेट राकेश सरदाना ने कहा कि स्टांप विक्रेता को निर्धारित कीमत पर पहले से ही कमीशन मिलता है। ऐसे में अगर कोई स्टांप टिकट विक्रेता निर्धारित राशि से ज्यादा कीमत पर टिकट बेचता है तो यह गलत है। डीसी के पास विक्रेता का लाइसेंस रद करने की पावर है।
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